Niramala Sitharaman on Indian Economy : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जब वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है, भारत की स्थिति मजबूत है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रतिबंध और टैरिफ जैसे बाहरी झटकों को झेलने में सक्षम है।
कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक संघर्ष तेज हो रहे हैं। प्रतिबंध, टैरिफ और अलगाव की रणनीतियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नया आकार दे रही हैं। भारत के लिए, ये बदलाव चिंताजनक भी हैं, लेकिन साथ ही हमारे जुझारूपन को भी उजागर करते हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी झटकों को झेलने की हमारी क्षमता मजबूत है और हमारी आर्थिक क्षमता भी विकसित हो रही है।
सीतारमण ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य लगातार बदल रहा है और यह जीरो-सम अप्रोच जैसा दिखता है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली है और स्थायी रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत खुद को बंद अर्थव्यवस्था बना ले। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें 8% GDP ग्रोथ हासिल करनी होगी।
उन्होंने कहा कि युद्ध और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता, सहयोग और संघर्ष को फिर से परिभाषित कर रही हैं। जो गठबंधन कभी मजबूत दिखते थे, उनके लिए परीक्षा का समय है। दुनिया में नए गठबंधन उभर रहे हैं। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव होते देख रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि देशों को इस अनिश्चितता के माहौल से भी निपटना है और साथ ही व्यापार, वित्त और ऊर्जा असंतुलन का भी सामना करना एक बड़ी चुनौती है।
edited by : Nrapendra Gupta