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नियम सबके लिए एक जैसे, फिर IndiGo airlines में ही क्‍यों ध्‍वस्‍त हुआ सिस्‍टम, लाखों यात्री संकट में, क्‍या है पूरा खेल?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 9 दिसंबर 2025 (16:03 IST)
देश में सभी एयरलाइंस के नियम एक जैसे हैं, लेकिन सिर्फ  IndiGo airlines का ही सिस्‍टम क्‍यों ध्‍वस्‍त हुआ है, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। इंडिगो की बड़ी संख्‍या में फ्लाइट कैंसिल हो रही है। लाखों यात्री परेशान हैं, हजारों लोगों की यात्राएं संकट में है। इंडिगो की फ्लाइट्स कैंसिल या देरी होने का सिलसिला आठवें दिन भी जारी है।

हालांकि सरकार ने साल 2024 में ही IndiGo के नियमों में बदलाव को लेकर बता दिया था, लेकिन IndiGo ने सरकार के नए नियमों को गंभीरता से नहीं लिया। इस बारे में उद्योगपति हर्ष गोयनका ने एक्‍स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कई सारे सवाल और उनके जवाब सामने आ रहे हैं। जानते हैं आखिर IndiGo airlines में ही इस तरह की दिक्‍कत क्‍यों आई है।
  • हर्ष गोयनका का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा है वायरल
  • IndiGo में ही आया संकट, देश की दूसरी एयरलाइंस कैसे हो रही संचालित
  • सरकार ने 2024 में ही बता दिया था IndiGo airlines को नियमों के बारे में
हर्ष गोयनका ने क्‍या वीडियो शेयर किया : उद्योगपति और आरपीजी एंटरप्राइजेज (RPG Enterprises) के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्‍स पर एक वीडियो शेयर किया है। गोयनका ने लिखा कि 30 सेकंड में समझ सकते हैं कि इंडिगो एयरलाइंस के साथ आखिर क्या गलत हो रहा है।

IndiGo संकट क्‍यों पैदा हुआ: पहले के नियम के अनुसार पायलट को 36 घंटे का विश्राम चाहिए होता था जो अब बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि इससे पायलट के लिए उड़ान भरने के लिए उपलब्ध घंटों में कमी आ गई है। जब तक पायलटों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती, तब तक सभी विमानों को संचालित करने के लिए उपलब्ध पायलटों की संख्या स्वाभाविक रूप से कम हो जाती है। इंडिगो में यही हो रहा है।

IndiGo में ही संकट, दूसरी एयरलाइंस में क्यों नहीं : इंडिगो हमेशा से ही बेहद “लीन और एफिशिएंट” मॉडल पर काम करती रही है। स्टाफिंग से लेकर पूरे ऑपरेशन तक सब कुछ बहुत ही टाइट प्लानिंग के साथ चलता है। वे एक लो-कॉस्ट कैरियर हैं। पैसा बचाने को खूब प्रमुखता देती है। दूसरी बड़ी एयरलाइन केवल एयर इंडिया है। एयर इंडिया के मामले में संभव है कि उनके कई विमान पहले से ही खड़े (ग्राउंडेड) होने की वजह से उनके पास अतिरिक्त पायलट उपलब्ध रहे हों, जिन्हें वे इस स्थिति को संभालने के लिए इस्तेमाल कर पाए हों।

क्या एयर इंडिया के पायलटों को IndiGo में ला सकते हैं: नहीं, यह इतना आसान नहीं है। भारत में अगर कोई पायलट एक एयरलाइन से दूसरी एयरलाइन में जाना चाहता है, तो उसके लिए अनिवार्य “नोटिस पीरियड” का पालन करना पड़ता है। अगर पायलट सीनियर है, तो उसे 12 महीने का नोटिस देना होता है, और अगर वह को-पायलट है, तो कम से कम 6 महीने का नोटिस जरूरी है। यानी आप यूं ही पायलट “पोच” नहीं कर सकते।

यह सब अचानक क्यों हुआ : यह अचानक नहीं हुआ। सरकार ने इस बारे में काफी पहले साल 2024 में ही एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, जिसमें बताया गया था कि यह नियम आने वाला है। सच कहें तो एयरलाइन की ओर से इस मामले में काफी ढीला और लापरवाह रवैया अपनाया गया।

IndiGo की फ्लाइट्स कैंसिल होने की वजह: दरअसल, जब अनिवार्य आराम का समय 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया तो उड़ान भरने के लिए उपलब्ध समय में करीब 20-25% की कटौती हो गई। अगर आपने पहले से पर्याप्त पायलटों की व्यवस्था नहीं की है, तो इसका मतलब साफ है कि लगभग 25% फ्लाइट्स रद्द होंगी। इंडिगो रोजाना करीब 2,200 उड़ानें संचालित करती है और इसका 25% करीब 500-550 उड़ानें होती हैं।

अब आगे क्या: अभी जैसी स्थिति है, सरकार ने इन नए नियमों को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है, यानी इन्हें रोलबैक किया जा रहा है। इससे लगता है कि अगले तीन-चार दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। लेकिन फरवरी या मार्च के बाद जब ये नियम फिर से लागू होंगे, तो इंडिगो को गंभीरता से अपनी तैयारी करनी होगी।
Edited By: Navin Rangiyal

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