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जासूस SmeshApp आखिर है क्या बला..

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गूगल के SmeshApp के जरिए जिस तरह से भारतीय सेना और सुरक्षाबलों से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों की जासूसी की जा रही थी, वह वाकई चौंकाने वाली और चेताने वाली घटना है। हालांकि IBN7 में प्रणय उपाध्याय की इस खबर के बाद गूगल ने इस ऐप को अपने प्ले स्टोर से हटा लिया है, लेकिन तब तक भारत का जो नुकसान होना था वह तो हो ही गया।
 
आखिर क्या बला है SmeshApp : किसी भी सामान्य चैटिंग एप की तरह SmeshApp भी गूगल प्लेस्टोर पर मौजूद था। हालांकि इसे अब हटा लिया गया है। कोई भी एंड्रॉयड स्मार्ट फोन रखने वाला व्यक्ति इसे अपने फोन पर बेहद आसानी से लोड कर सकता था। 
 
चोर एप SmeshApp और उसमें मौजूद वायरस के कारण फोन की पूरी जानकारियां सर्वर पर कॉपी हो जाती हैं और लगातार अपडेट भी होती रहती हैं, मोबाइल पर जो भी बदलाव होता है, वह भी सर्वर पर तुरंत कॉपी हो जाता है। सर्वर से यह जानकारी पाकिस्तान को पहुंचा दी जाती है।
 
मोबाइल फोन की पूरी कांटेक्ट लिस्ट, मोबाइल फोन के सारे SMS, कॉल रिकार्ड, लोकेशन इंफो, कैलेंडर, कैमरा, कैमशॉट्स, वीडियो, एनवायर्नमेंट रिकार्डिंग, ब्राउसर हिस्ट्री, प्रोग्राम इंफो आदि सभी जानकारियां इस ऐप के माध्यम से हमारे शत्रुओं के पास पहुंच जाती हैं। इतना ही नहीं मोबाइल रखने वाले सुरक्षाकर्मी की जीपीएस लोकेशन की जानकारी भी पाकिस्तान को मिल जाती है। ... और यह सब कुछ रिकॉर्ड हो जाता है आपकी जानकारी के बिना। 
 
इस पूरे मामले का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह है कि सरकार के आईटी विशेषज्ञों ने पहले इस मामले मेें कार्रवाई की थी और गूगल ने इस एप को हटा दिया था, लेकिन बाद में यह फिर शुरू हो गई। इसकी किसी को भी खबर नहीं लगी। कम से कम इस जिम्मेदारी से तो सरकार बच नहीं सकती।

सुरक्षा जैसे अहम विषय से जुड़े हमारे सुरक्षाकर्मियों की पल पल की जानकारी पाकिस्तान पहुंचती रही। कई बार ऐसा भी होता है जब बड़े नेताओं और अधिकारियों की जानकारी भी सुरक्षाकर्मियों के पास होती है, ऐसे में वह पूरी जानकारी शत्रु तक पहुंच जाए तो निश्चित ही यह देश और यहां के शीर्ष नेताओं की सुरक्षा के लिए खतरे का सबब बन सकता है। 
 

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