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बेरहम लोगों ने नहीं की मदद, लाश को बाइक पर बांधकर ले गया पति, ये थी वजह

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 11 अगस्त 2025 (10:54 IST)
नागपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बेबस पति अपनी पत्नी की लहूलुहान लाश को बाइक पर बांधकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलता रहा। लोग उसे देखकर हैरान होते रहे। जिसे भी इसके पीछे की वजह पता चली उसके आंसू छलक आए। उसके साथ ऐसी घटना हुई कि उसके बाद कोई उसकी मदद को आगे नहीं आया। बेरहम लोग सडक से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने उस बेबस पति की मदद नहीं की।

दरअसल, नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को यह दृश्य सामने आया। जिसने राहगीरों का दिल दहला दिया और आंखें नम कर दीं। 35 वर्षीय अमित यादव अपनी पत्नी ग्यारसी का शव मोटरसाइकिल पर बांधकर ले जा रहा था। राह में लोग हैरान थे, कुछ ने उसे रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह बिना रुके आगे बढ़ता गया।

इस अजीब नज़ारे के पीछे एक दिल तोड़ देने वाली कहानी थी। दरअसल, रक्षाबंधन के दिन की हुई एक दर्दनाक दुर्घटना में अमित यादव की पत्नी ग्यारसी की दर्दनाक मौत हो गई। वे नागपुर जिले के लोणारा से देवलापार होते हुए करणपुर जा रहे थे। दोनों अपनी छोटी-सी दुनिया में बस त्योहार मनाने निकले थे। रास्ते में एक ट्रक ने अचानक कट मारा। पीछे बैठी ग्यारसी सड़क पर गिरी और देखते ही देखते उसी ट्रक के पहियों तले कुचल गई। मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद ट्रक चालक रुका नहीं। अमित स्तब्ध था, टूटा हुआ था। उसने रोते-रोते राह चलते वाहनों से मदद मांगी, हाथ जोड़े, लेकिन किसी ने गाड़ी नहीं रोकी। किसी ने कंधा देने की हिम्मत नहीं दिखाई। बेबस और अकेला अमित ने एक कठिन, दर्द भरा निर्णय लिया अपनी पत्नी का शव मोटरसाइकिल पर बांधकर गांव की ओर निकल पड़ा। हाईवे पर यह नज़ारा देखने वालों के लिए अजीब भी था और झकझोरने वाला भी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि यह आदमी ऐसा क्यों कर रहा है। डर और सदमे में डूबे अमित ने अपनी बाइक नहीं रोकी।

आखिरकार, हाईवे पुलिस ने मोरफाटा इलाके में उसे रोक लिया। जब पुलिस ने पूरी कहानी सुनी तो सबके चेहरे गंभीर हो गए। ग्यारसी का शव पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज भेजा गया और अमित को पूछताछ के लिए रोका गया।

मध्यप्रदेश के सिवनी के रहने वाले अमित और ग्यारसी पिछले 10 साल से नागपुर जिले के लोणारा में रहकर रोज़ी-रोटी कमा रहे थे। रक्षाबंधन के दिन, जब बाकी लोग राखी और मिठाइयों में व्यस्त थे, इन दोनों के साथ यह दर्दनाक घटना हुई। एक ऐसी घटना जो सवाल छोड़ जाती है कि भीड़ में इंसानियत कब जागेगी? कोई मदद को आगे नहीं आया। लोग आते रहे जाते रहे। लेकिन किसी ने अमित की मदद नहीं की।
Edited By: Navin Rangiyal

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