अयोध्या में आज सुबह स्थिति सामान्य रही और स्कूल, कॉलेज तथा दफ्तर रोज की तरह खुले हैं लेकिन सड़कों पर सन्नाटा है।
विवादित श्री रामजन्म भूमि में प्रतिष्ठापित रामलला के दर्शन पूर्ववत हो रहे हैं लेकिन दर्शनार्थियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। श्रीराम जन्म भूमि के रास्ते मे पड़ने वाले हनुमानगढ़ी में दर्शनार्थियों की भीड़ उससे ज्यादा है। अयोध्या आने वाला लगभग हर श्रद्धालु हनुमानगढ़ी जरूर जाता है।
समय-समय पर पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाला मंदिर, मस्जिद मुद्दे के मालिकाना हक का फैसला आज दोपहर बाद साढ़े तीन बजे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की विशेष लखनऊ पीठ सुनाने जा रही है।
राज्य और पूरे देश के लोग इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अयोध्या के जुडवा शहर फैजाबाद में आज बाजारों में साप्ताहिक अवकाश रहता है। फैजाबाद में इसलिए ज्यादा सन्नाटा है लेकिन यहाँ खुली पान की गुमटियों और चाय की दुकानों पर सिर्फ और सिर्फ आने वाले फैसले की ही चर्चा है।
आने वाले फैसले के साथ ही यहाँ के बाशिंदों की यही कामना है कि फैसला चाहे जो आए, यह मामला निपटे और आए दिन कैद जैसी जिन्दगी जीने की मजबूरी से छुटकारा मिले।
फैसले के मद्देनजर अयोध्या और फैजाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। विवादित धर्मस्थल और उसके आस पास अधिग्रहीत परिसर पर खासतौर से नजर रखी जा रही है। फैसला आने के बाद किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए अधिकारियों में सामंजस्य बनाए रखने के लिए बैठकें भी हो रही हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही गश्त कर रहे हैं। अयोध्या में चारों तरफ फ्लैग मार्च से जवानों के बूटों की आवाज किसी खास वजह होने का सन्देश जरूर देती है।
अयोध्या में मंदिरों में प्रसाद चढ़ाने के लिए मिठाइयों और फल-फूल के दुकानों की भरमार है लेकिन लगभग सभी दुकानें सूनी लग रही हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालु तो अपेक्षाकृत आज कम हैं।
सरयू नदी के किनारे स्नान के लिए 67 घाट हैं। सभी पर सन्नाटा पसरा है। आम दिनों में सुबह से ही जय जय सिया राम और रामजी की जय के नारे लगा करते थे और घाटों पर बैठे पंडे चंदन घिसने में व्यस्त रहते थे और उनकी सौ, दो सौ रुपए की कमाई भी हो जाती थी।
बाहर से आने वाले श्रद्धालु पैसे के साथ सीद्धा भी दे जाते थे। अब सब कुछ ठप है। कमाई भी और व्यस्तता भी1 अयोध्या नगर के साथ ही फैजाबाद जिले की सीमा पर अवरोधक लगे हैं, जहाँ गहन चेकिंग की जा रही है।
देश की राजनीति बदलने वाली अयोध्या आज भी बदहाल है और गंदगी के ढेर पर बैठी है। इस शहर ने केन्द्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक की सरकार बदल दी लेकिन इस शहर को बदलने की जहमत किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं उठाई।
फैसले को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार की नजर भी अयोध्या पर ही है। इसलिए यहाँ सुरक्षा के व्यापक इन्तजाम किए गए हैं। अर्द्धसैनिक बलों की बारह कंपनियों के अलावा पीएसी की 25 कंपनी और राज्य पुलिस बल की दस कंपनी तैनात की गई है। इसके अलावा होमगार्ड के पाँच हजार जवानों को लगाया गया है।
बम निरोधक दस्ते भी तैनात किए गए हैं। बैरियर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बिना जाँच के किसी को भी गुजरने नहीं दिया जा रहा है। खासकर रामलला के दर्शन के लिए आने वालों को तो कड़ी जाँच से गुजरना पड़ रहा है।
बाहरी लोगों का आना भले ही कम हो गया हो लेकिन शहर के सभी बड़े होटल देश-विदेश से आए पत्रकारों और खबरिया चैनलों के संवाददाताओं से भर गए हैं। किसी भी होटल में कोई कमरा खाली नहीं है। (वार्ता)