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ढाँचा इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ-न्यायमूर्ति शर्मा

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लखनऊ , गुरुवार, 30 सितम्बर 2010 (23:35 IST)
अयोध्या में विवादित स्थल को भगवान राम की जन्मस्थली करार देते हुए न्यायमूर्ति धरमवीर शर्मा ने कहा कि बाबर द्वारा निर्मित ढाँचा इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ था और इसलिए उसे मस्जिद नहीं माना जा सकता।

अयोध्या मालिकाना हक मुकदमे में अपने फैसले में न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि विवादित ढाँचे का निर्माण बाबर ने कराया था। साल निश्चित नहीं है, लेकिन इसका निर्माण इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ कराया गया था। इसलिए इसे मस्जिद नहीं माना जा सकता।

उन्होंने कहा कि पुराने ढाँचे के स्थल पर उसे गिराने के बाद विवादित ढाँचे का निर्माण किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने साबित किया है कि यह विशाल हिंदू धार्मिक ढाँचा था। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि विवादित ढाँचे के मध्य गुंबद के नीचे भगवान राम की प्रतिमाएँ 22-23 दिसंबर 1949 की रात को रखी गई थीं।

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि यह स्थापित है कि मुकदमे में शामिल संपत्ति रामचंद्रजी की जन्मभूमि है और हिंदुओं को चरण, सीता रसोई और अन्य प्रतिमाओं तथा पूजा की अन्य वस्तुओं की पूजा करने का अधिकार था।

न्यायाधीश ने कहा कि यह भी सिद्ध है कि हिन्दू उस विवादित स्थल को राम जन्मभूमि मानकर वहाँ अनादिकाल से पूजा करते आ रहे हैं और उनके लिए वह स्थल भी पूजनीय एवं तीर्थ के समान है। शर्मा ने कहा कि यह भी स्थापित है कि विवादित ढाँचे को मस्जिद नहीं माना जा सकता क्योंकि यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ अस्तित्व में आया। (भाषा)

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