हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने सोमवार को खुद को जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन के उस फतवे से अलग कर लिया, जिसमें उन्होंने गायन को इस्लाम-विरोधी करार दिया है। हुर्रियत ने कश्मीर में लड़कियों के पहले बैंड 'प्रगाश' को मिल रही धमकियों को भी महज दुष्प्रचार करार दिया।
हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा, मुफ्ती बशीरुद्दीन (जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम) की ओर से जारी फतवे से हम खुद को अलग करते हैं। लोग उन्हें मुफ्ती-ए-आजम नहीं मानते, सिर्फ सरकार ही उन्हें मान्यता देती है। अकबर ने मुफ्ती बशीरुद्दीन की ओर से जारी फतवों को यह कहते हुए रहस्यमयी करार दिया कि ऐसी चीजें समाज में कानून की कमी को बढ़ावा देती हैं।
प्रवक्ता ने कहा, यह काफी रहस्यमयी है, जिस तरह से वह फतवे जारी करते हैं, उससे कानून की कमी पैदा होती है। फतवे सिर्फ उस वक्त जारी किए जा सकते हैं जब देश में शरीयत कानून लागू हो। अकबर ने रॉक बैंड 'प्रगाश' को मिल रही धमकियों की खबरों को महज दुष्प्रचार करार देकर खारिज कर दिया।
अकबर ने कहा, लड़कियों को कोई खतरा नहीं है। किसी ने धमकी नहीं दी है। यह तो भारतीय मीडिया की ओर से किया गया दुष्प्रचार है और कश्मीरियों को बदनाम करने के लिए वे एक छोटे से मुद्दे को पहाड़ बना रहे हैं।
हुर्रियत प्रवक्ता ने कहा कि यदि कुछ नौजवान सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर गालियां और अभद्र बातें लिख रहे हैं तो उन्हें धमकी नहीं कहा जा सकता और हुर्रियत ऐसी अभद्र भाषा, दमन या बल प्रयोग को किसी भी तरह समर्थन नहीं देती।
बीते दिसंबर में आयोजित सालाना 'बैटल ऑफ दि बैंड्स' प्रतियोगिता में अपने शानदार प्रदर्शन से चर्चा में आईं लड़कियों को ऑनलाइन धमकियां दी जा रही हैं और उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उनके माता-पिता चिंतित हैं और उन्हें 'लो-प्रोफाइल' रहने को मजबूर कर रहे हैं। मुफ्ती बशीरुद्दीन ने रविवार को गायन को इस्लाम-विरोधी करार दिया था।
अहमद ने कहा था, मैंने कहा है कि गायन इस्लामी शिक्षा के मुताबिक सही नहीं है। मुफ्ती ने कहा, गायन जैसी इस्लाम-विरोधी चीजें कर समाज का निर्माण या विकास नहीं किया जा सकता। मैं इन लड़कियों और अन्य मुस्लिमों को भी सलाह देता हूं कि वे अपनी गरिमा की सीमा में रहें। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उन लोगों में से हैं जिन्होंने लड़कियों और उनके रॉक बैंड का समर्थन किया है। (भाषा)