जम्मू में कर्फ्यू के दौरान हिंसा

उषा सुरेश डुग्गर
गुरुवार, 21 अगस्त 2008 (10:10 IST)
अमरनाथ जमीन मामले पर जम्मू एक बार फिर जल उठा है। 24 घंटों की हिंसा और आगजनी में हिंसक भीड़ ने दर्जनभर सरकारी दफ्तरों, बैंकों और पुलिस चौकियों को तहस-नहस कर दिया। एक पुलिस चौकी, दो सुरक्षा चौकियों और 8 वाहनों को आग की भेंट चढ़ा डाला। उधर घाटी में बुधवार को शांति रही।

संघर्ष समिति ने अब आंदोलन के स्वरूप को बदलने की घोषणा की है। 25 अगस्त को यहाँ पूरे जम्मू मंडल में चक्काजाम की घोषणा की है, वहीं लोगों से नागरिक अवज्ञा आंदोलन तत्काल प्रभाव से छेड़ने की अपील की है। आज से जम्मू के लोग वैट, इनकम टैक्स, बिजली व पानी का टैक्स तथा पैसेंजर टैक्स जमा नहीं कराएँगे।

कर्फ्यू तोड़ गिरफ्तारियाँ दीं- देर रात को लगाए गए कर्फ्यू के बावजूद संघर्ष समिति का जेल भरो आंदोलन नहीं रुका। तीसरे दिन भी महिलाओं और बच्चों के साथ 4 लाख से अधिक लोगों ने गिरफ्तारियाँ दीं।

तीन दिनों में 8 लाख लोग गिरफ्तारियाँ देकर प्रशासन के होश फाख्ता कर चुके हैं। इस बीच केंद्र की पहल पर कुछ केंद्रीय अफसर राज्य के दौरे पर आए हैं।
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