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पंजाब में नशे के खतरों के बारे में पढ़ेंगे स्कूली छात्र

मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविन्द केजरीवाल ने 'नशे के खिलाफ जंग' के तहत शुरू किया स्कूली पाठ्यक्रम

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, शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 (21:29 IST)
  • नशे के खिलाफ जंग में नया अध्याय
  • नौंवी से बारहवीं तक के आठ लाख छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
  • नशे के खतरों के खिलाफ अन्य राज्य पंजाब का मॉडल अपनाएंगे : केजरीवाल
  • राज्य को नशा मुक्त बनाएं पंजाबी
  • मुख्यमंत्री की ओर से राज्य में नशे के प्रसार के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
  • नशे के कारोबार में शामिल बड़ी मछलियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया

Punjab Chief Minister Bhagwant Singh Mann News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक अनुकरणीय पहल के तहत 8 लाख छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से 'नशे के खिलाफ जंग' के तहत स्कूली पाठ्यक्रम शुरू किया।
 
सभा को संबोधित करते हुए 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि पंजाब के इस सीमावर्ती जिले से नशे के खिलाफ जंग में एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पंजाब की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है और राज्य सरकार की 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के तीसरे चरण के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए सभी सरकारी स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से इन कक्षाओं के आठ लाख छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा और नशीले पदार्थों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
 
केजरीवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में 3658 स्कूलों को शामिल किया जाएगा और छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध वैज्ञानिक इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में 35 मिनट के सत्र शामिल हैं, जो 27 सप्ताह तक पखवाड़े के आधार पर आयोजित किए जाएंगे और इनमें वृत्तचित्र, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और विचार-विमर्श गतिविधियां शामिल होंगी। 'आप' संयोजक ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नशे के खिलाफ जंग शुरू कर रखी है और इस पहल के तहत 15 हजार तस्करों को जेल में डाला गया है, उनकी संपत्तियां जब्त की गई हैं और एक हजार किलो से अधिक हेरोइन बरामद की गई है। 
 
सरकारी स्कूलों का कायाकल्प : अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की अभूतपूर्व कोशिशों से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने कहा कि अब छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा झलकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब को ऐसी परिस्थितियों में फंसा दिया गया है, जिसके कारण यह कार्यक्रम जरूरी हो गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने पंजाब के माथे पर नशे का दाग लगा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का कार्यकाल संभालने के बाद हमें रणनीति बनाने में समय लगा और अब राज्य सरकार ने नशा छोड़ने वालों के इलाज के लिए नशा-मुक्ति केंद्र शुरू किए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए भी काम कर रही है ताकि वे सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
 
जारी है नशे के खिलाफ जंग : मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग पिछले 150 दिनों से जारी है और सैकड़ों पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर यह प्रण लिया है कि वे कभी भी नशा तस्करों का साथ नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह जंग अब जन आंदोलन में बदल गई है और इसके हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में नशा विरोधी शिक्षा को शामिल किया है। छात्रों को नशे के लक्षणों और खतरों से अवगत कराया जाएगा क्योंकि नशे का पहली बार उपयोग ही जिंदगी की बर्बादी की शुरुआत करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति नहीं करती और स्कूली बच्चों की तो वोट भी नहीं होती, फिर भी हम उन्हें इस अभिशाप के खिलाफ जागरूक करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने नशे के कारोबार को संरक्षण देकर युवाओं को बर्बाद कर दिया। 
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नेताओं पर भी एक्शन : उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नेताओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। जब मजीठिया को पकड़ा गया था, तब कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा सभी उनके समर्थन में आ गए। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ नेता कहते थे कि वे मजीठिया को उसका कॉलर पकड़कर घसीटेंगे, लेकिन अब वे उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से पैसा कमाने की लालच में इन नेताओं ने पंजाब को लूटा और बर्बाद कर दिया। मंत्रियों की सरकारी गाड़ियों में नशे के पैकेट सप्लाई किए जाते थे। नशा तस्करों को सत्ताधारियों का करीबी दोस्त माना जाता था, जिसके कारण राज्य में नशे ने अपने पांव पसारे।
 
उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल को सिर्फ अपने रिश्तेदारों के नाम ही पता हैं और वे पंजाब की बुनियादी भौगोलिक स्थिति से भी अनजान हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने बादलों को कई बार चुना, लेकिन इन लोगों ने कभी भी जनता या राज्य की परवाह नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खतरे से राज्य के युवाओं को दूर रखने के लिए पंजाब सरकार हर गांव में खेल मैदान और जिम का निर्माण करवा रही है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी की जानकारी देने के लिए लोगों के लिए व्हाट्सएप नंबर 97791-00200 जारी किया गया है। 
 
पंजाब हर क्षेत्र में अग्रणी : 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इस अवसर पर कहा कि पंजाब हमेशा हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है और अब राज्य के स्कूली बच्चे नशे को ना कहने में देश का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के बाद निजी स्कूलों में भी यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत हो गया है और राज्य अब शिक्षा के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है। मनीष सिसोदिया ने नशा तस्करों को चेतावनी दी कि वे इस घृणित अपराध को तुरंत बंद करें या सख्त परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
 
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं। बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली 'आप' सरकार ने नशे के खतरे के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है और नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू करने से राज्य से इस अभिशाप को पूरी तरह खत्म करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा एवं अन्य वरिष्ठजन भी उपस्थित थे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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