चीन के लिये डु शिन्हाओ (12वां), चेन बेन्हाइ (35वां) और गाओ जीशेंग (42वां) ने गोल किये। पिछले दो बार की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम भले ही मैच जीत गई हो लेकिन प्रदर्शन एकदम लचर रहा और उसने चीन को मैच में बने रहने के मौके दिये।
भारतीय टीम 11 में से चार पेनल्टी कॉर्नर ही भुना सकी।भारत ने आक्रामक शुरूआत की और पहले ही मूव पर पहला मौका बनाया। मनदीप सिंह ने संजय को गेंद सौंपी लेकिन चीन के गोलकीपर वेइहाओ यांग ने उनका शॉट बचा लिया। भारत ने दबाव बनाये रखा और पहला पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किया। मनदीप ने इस पर गोल कर दिया था लेकिन चीन के रेफरल के बाद उसे अमान्य करार दिया गया।
कुछ मिनट बाद दिलप्रीत सिंह ने करीब से रिवर्स हिट लगाई लेकिन चीन के गोलकीपर ने उसे बचाया। चीन ने पहले पेनल्टी कॉर्नर पर 12वें मिनट में बढत बनाई।पहले क्वार्टर से एक मिनट बाकी रहते भारत के पास फिर मौका था लेकिन पहले अभिषेक का शॉट वेहाओ ने बचाया और फिर दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत की फ्लिक बाहर से निकल गई।
दूसरे क्वार्टर के तीन मिनट के भीतर भारत ने बराबरी की जब जुगराज ने गोल दागा। दो मिनट बाद भारत को चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार हरमनप्रीत ने कोई चूक नहीं की।एक मिनट बाद मिला एक और पेनल्टी कॉर्नर हालांकि बेकार गया । चीन को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन शॉट बाहर निकल गया।
भारत के पास 39वें मिनट में एक और गोल करने का मौका था लेकिन पेनल्टी स्ट्रोक पर हरमनप्रीत का निशाना चूका और गेंद पोस्ट से टकरा गई।
भारत को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा चूंकि दो मिनट बाद गाओ के गोल पर चीन ने 3 . 3 से बराबरी कर ली। भारत को 47वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से दूसरे पर हरमनप्रीत ने गोल किया। आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट पहले भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला जो बेकार गया।