Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बच्चे मुझको पढ़ाके जाते हैं

सलासी (गुरु से सम्बंधित नन्ही कविताऎं)

हमें फॉलो करें बच्चे मुझको पढ़ाके जाते हैं

अजीज अंसारी

NDND
1. अब यूँ अपना समय बिताऊँगा
गाँव की बच्चियाँ जो अनपढ़ हैं
पढ़ना लिखना उन्हें सिखाऊँग

2. आज मेहमान आ गए घर में
यूँ लगा देख छोटे बच्चों को
जैसे भगवान आ गए घर में

3. बाप का ज़ुल्म रोज़ सहता है
वो किसी से तो कुछ नहीं कहता
अपने दुख-दर्द मुझसे कहता है

4.पढ़ने-लिखने की बात सोचाकर
जब भी तुझको सताए ये दुनिया
पास अपने गुरु के बैठा कर

5. अपने माँ-बाप का सहारा है
पास बैठा गुरू के इक बच्चा
चाँद के पास जैसे तारा है

6. छोटे बच्चों का सहारा बनकर
वो पढ़ाता है रोज़ बच्चों को
कभी तोता, कभी मैना बनकर

7. खेलने में भी वो सिखाता है
छोटे बच्चों का कल संवर जाए
इसलिए रात-दिन पढ़ाता है

8.हक़-ओ-इंसाफ़ की गवाही हैं
सिर्फ़ बच्चे नहीं हैं ये मेरे
ये मेरे देश के सिपाही हैं

9. ज़िन्दगी की किताब खोलेंगे
साथ अपने गुरु के रहने से
जब भी बोलेंगे सच ही बोलेंगे

webdunia
WDWD
10. दोस्त बच्चे तुम्हें बना लेंगे
आज तुम इनकी देखभाल करो
कल बुढ़ापे में ये संभालेंग

11. आप की ज़िन्दगी संवारेंगे
कश्तियाँ जब पुरानी होंगी तो
पार बच्चे ही तो उतारेंगे

12. ज़िन्दगी इनकी ख़ूबसूरत है
आप दें ध्यान अपने बच्चों पर
बस यही वक़्त की ज़रूरत है

13. इससे ज़्यादा तो हम नहीं कहते
अपने बच्चों पे ध्यान दें वरना
दिन सदा एक से नहीं रहते

14. पढ़ने वो मेरे पास आते हैं
भाई-चारे का एकता का सबक़
बच्चे मुझको पढ़ाके जाते हैं

15. ये जो बच्चे दिखाई देते हैं
झूठ भी बोलते हैं आपस में
फिर भी सच्चे दिखाई देते हैं

16. ग़म को इस तरह झेलता हूँ मैं
जब ये हद से ज़्यादा बढ़ जाए
साथ बच्चों के खेलता हूँ मैं

17. बिन पढ़ों को तो हम पढ़ाएँगे
पास जिनके हैं डिगरियाँ लेकिन
उनको कैसे दिशा दिखाएँग

18. जो मिले उसके संग होती है
ज़िन्देगानी अज़ीज़ बच्चों की
जैसे पानी का रंग होती है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi