जी टीवी का मशहूर धारावाहिक ‘झाँसी की रानी’ अब समाप्ति की ओर है। इसमें लीड रोल किया है कृतिका सेंगर ने। कृतिका का कहना है यह रोल उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था और उन्होंने अपनी ओर से भरपूर मेहनत की ताकि कोई कमी ना रह जाए। दर्शकों का जो उन्हें प्यार मिला है उसे वे अपना सबसे बड़ा पुरस्कार मानती हैं। पेश है कृतिका से बातचीत :
धारावाहिक झाँसी की रानी समाप्त होने जा रहा है। इसके बाद क्या सोचा है? मैं इस धारावाहिक की शूटिंग में इतना व्यस्त थी कि अपने परिवार के साथ दो दिन भी नहीं बिता सकी। अब मैं अपने परिवार के साथ लंबी छुट्टियों पर जाऊँगी। कुछ दिन आराम करूँगी और उसके बाद काम के बारे में सोचूँगी। कई टीवी धारावाहिकों के ऑफर मुझे मिले हैं। कुछ पर चर्चा चल रही है, लेकिन अंतिम निर्णय ब्रेक से आने के बाद लूँगी। फिल्मों के ऑफर भी आए हैं? नहीं।आमतौर पर पाया गया है कि बहुत बड़ा और प्रसिद्ध किरदार निभाने के बाद कलाकार को इमेज तोड़ पाना बहुत मुश्किल होता है और यह बात उसके करियर में रूकावट बन जाती है। आप क्या कहना चाहेंगी? मुझे लगता है कि अब इमेज को तोड़ पाना आसान है। पहले की बात कुछ और थी। मैं हमेशा लक्ष्मीबाई के गेटअप में नजर आई हूँ। आम जीवन में पहने जाने वाली ड्रेस में तो लोग मुझे पहचान भी नहीं पाएँगे। इसलिए मुझे नहीं लगता कि किसी किस्म की परेशानी मुझे होगी। क्या फिर से कोई ऐतिहासिक या पौराणिक किरदार निभाना चाहेंगी? कुछ अलग करना चाहती हूँ ताकि मेरे अंदर का कलाकार भी संतुष्ट हूँ। वैसे कोई अच्छा किरदार निभाने को मिलता है तो हाँ भी कह सकती हूँ। रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाते हुए उनसे आपने क्या सीखा? मैं जब छोटी थी तो बात-बात पर लड़ती रहती थी। इसलिए मुझे लोग झाँसी की रानी कहा करते थे। यह किरदार निभाते हुए मैंने जाना कि वे केवल लड़ाकू ही नहीं थी। देश, परिवार और आत्मसम्मान के प्रति उनके नजरिये से मैं परिचित हुईं। उनसे कई बातें मैंने सीखी हैं और मुझे खुशी है कि इतना महान किरदार मुझे निभाने का अवसर मिला।