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भारत की स्वाधीनता के पक्षधर थे भगवान बिरसा मुंडा : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ढोल-नगाड़ों की थाप से जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 13 नवंबर 2025 (20:07 IST)
Chief Minister Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा भारत की स्वाधीनता के पक्षधर थे। इसके लिए उन्होंने अभियान चलाया, जिस पर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया। मात्र 25 वर्ष की आयु में उन्होंने रांची की जेल में अंतिम सांस ली। उन्होंने जनजाति समुदाय को नारा दिया कि अपना देश-अपना राज। देश हमारा है तो राज भी हमारा ही होना चाहिए, विदेशी हुकूमत भारत में राज न करे। धरती आबा को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने 15 नवंबर को जनजाति दिवस के रूप में आयोजित करने की प्रेरणा दी। 
 
सीएम योगी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुरुवार को ढोल-नगाड़ों की थाप से जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया। सीएम ने यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सीएम ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मेजबान उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के जनजाति कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति भी दी। सीएम योगी ने इस वर्ष की विशेषता बताते हुए इसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पहली से 15 नवंबर तक देश में जनजाति गौरव पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। सरकार द्वारा जनजाति समुदाय को समाज व राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने व सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। 
 
22 राज्यों के कलाकार यूपी आकर बन रहे सहभागी : सीएम योगी ने कहा कि सांस्कृतिक समागम में 22 राज्यों के कलाकारों को जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। कलाकार सहभागिता की दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश पार्टनर स्टेट है। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मिजोरम, गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, हिमाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, झारखंड व पंजाब के कलाकार उत्तर प्रदेश में आकर जनजाति भागीदारी उत्सव में सहभागी बन रहे हैं। यहां हस्तशिल्प व कला प्रदर्शनी, व्यंजन मेला और जनजाति साहित्य को समर्पित साहित्यिक व विकास मंच भी है। 
 
जनजाति समुदाय की शिक्षा का बढ़ा स्तर : सीएम योगी ने कहा कि जनजातीय समुदाय की आबादी यूपी में कम है। पहले सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकालते थे तो अनुसूचित जाति की पूरी सीटें नहीं भरी पाती थीं। अभी हाल में 60,244 पुलिस की भर्ती की गई तो इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें उसी समाज के युवाओं से भरी गईं। यह चीजें दिखाती हैं कि उनके शिक्षा का स्तर, भागीदारी बढ़ी है। शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। 
 
जनजातियों को दिया जा रहा विकास की योजनाओं का लाभ : सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने तय किया कि उत्तर प्रदेश में जितनी भी जनजातियां हैं, उन्हें अधिकार प्राप्त हो और उन्हें सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने की दिशा में कार्य हो। थारू, मुसहर, चेरो, बुक्सा, सहरिया, कोल, गौड़ आदि जनजातियों को शासन की सभी योजनाओं से आच्छादित करने के लिए सरकार ने मिशन मोड पर अभियान चलाया। परिणामस्वरूप ज्यादातर जनजातियों को विकास की योजनाओं (कनेक्टिविटी, पेयजल, बिजली, पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत) का लाभ दिया जा रहा है। 
 
सीएम ने की प्रधानमंत्री आदिवासी न्याय महाभियान की चर्चा : सीएम ने कहा कि जनजाति समुदाय के लिए पीएम जनमन योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान के माध्यम से अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। बिजनौर में बुक्सा जनजाति को सूची में श्रेणीबद्ध किया गया है। इसके तहत 815 परिवारों को, इसमें बुक्सा जनजाति के 145 पीएम आवास व समस्त घरों के विद्युतीकरण, पेयजल, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी सेंटर, पांच बसावटों में मोबाइल टावर, पांच मल्टीपर्पज सेंटर व पांच वनधन केंद्र स्वीकृत किए जा चुके हैं। 
 
जनजातीय बाहुल्य 517 गांवों को सभी योजनाओं से जोड़ने का किया गया कार्य : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितनी भी अनुसूचित जनजाति की बस्तियां हैं, धरतीआबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत उन्हें सभी सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है। इसके लिए 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 ग्रामों को चिह्नित किया है। इनमें सोनभद्र में सर्वाधिक 176 गांव, बलिया के 61, ललितपुर के 36, देवरिया, लखीमपुर खीरी व कुशीनगर के 34-34, गाजीपुर के 26, मीरजापुर के 20, गोरखपुर के 18, चंदौली के 17, बलरामपुर के 16, पीलीभीत, प्रयागराज व सिद्धार्थनगर के 7-7, बिजनौर के 5, बहराइच व बस्ती के तीन-तीन, बाराबंकी, भदोही, महराजगंज, श्रावस्ती के दो-दो, अंबडेकरनगर, महोबा, संतकबीरनगर, जौनपुर, सीतापुर के एक-एक गांव को आच्छादित करने का कार्य किया गया है।
 
जनजातीय बाहुल्य 517 गांवों की कनेक्टिविटी से लेकर सभी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया है। इनका आधार, आयुष्मान कार्ड, पीएम उज्ज्वला योजना, जाति-निवास प्रमाण पत्र, मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम जनधन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम विश्वकर्मा योजना, राशन कार्ड आदि की व्यवस्था के साथ ही यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को डबल इंजन सरकार ने आच्छादित करने की स्वीकृति दी। 
 
जनजाति गौरव की पुनर्स्थापना :  सीएम योगी ने अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का जिक्र किया। कहा कि हम लोगों ने अब तक 1.50 लाख छात्रों को इन योजनाओं से लाभान्वित किया है। 9 आश्रम पद्धति विद्यालय लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, बहराइच, महराजगंज, श्रावस्ती, बिजनौर में संचालित हैं। इनके माध्यम से 2026 जनजाति छात्र-छात्राओं को शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं। जनजाति छात्रों के लिए दो निःशुल्क छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। 8 छात्रावास (लखीमपुर खीरी, चंदौली में दो-दो, बलिया, गोरखपुर, मीरजापुर, सोनभद्र में एक-एक) निर्माणाधीन हैं।
 
जनजाति छात्रों के लिए लखीमपुर खीरी, बहराइच व सोनभद्र में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित है और ललितपुर में निर्माणाधीन है। कक्षा छह, 9 व 11 की वे छात्राएं, जो आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत नहीं हैं, उन्हें यूनिफॉर्म, साइकिल योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। सीएम ने वनाधिकार अधिनियम की चर्चा की और कहा कि प्रदेश सरकार ने 13 जनपदों में इसे लागू किया है। अनुसूचित जनजाति के 23,430 से अधिक ऐसे लोग, जो वनों में निवास करते हैं। उन्हें भूअधिकार पत्र देकर उनके दावों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करके मालिकाना अधिकार उपलब्ध करवाया गया। डबल इंजन सरकार जनजाति गौरव की पुनर्स्थापना के साथ ही जनजाति समाज की मांग के प्रति संवेदना व सद्भावना व्यक्त कर रही है। डबल इंजन सरकार उनकी सुरक्षा और विरासत का संरक्षण कर रही है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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