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2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को रफ्तार देगी नई औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , मंगलवार, 12 अगस्त 2025 (20:32 IST)
Uttar Pradesh industrial policy: योगी सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई देने के लिए 'सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति' को हरी झंडी दे दी है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की दिशा में उद्योगों को आसान और पारदर्शी भूमि आवंटन, आधुनिक सुविधाओं और बेहतर प्रबंधन के जरिए बढ़ावा देना है। प्रदेश पहले से ही जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है और अर्थव्यवस्था में दूसरे स्थान पर है। अब सरकार का फोकस है कि चतुर्मुखी औद्योगिक विकास के लिए निवेशकों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और पारदर्शी प्रक्रियाएं उपलब्ध कराई जाएं। सरकार का लक्ष्य है कि इस नीति के माध्यम से प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए।
 
लीज और ई-ऑक्शन से होगी भूखंड आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया : नई नीति के तहत औद्योगिक आस्थानों में उपलब्ध भूमि, शेड और भूखंडों का आवंटन लीज/रेंट पर नीलामी या ई-ऑक्शन के जरिए किया जाएगा। लीज/रेंट की अवधि आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग द्वारा तय की जाएगी, जबकि नीलामी पोर्टल का चयन भी आयुक्त एवं निदेशक के अधिकार क्षेत्र में होगा। इसके माध्यम से 20% तक क्षेत्र का उपयोग व्यावसायिक/सेवा/आवासीय कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
 
क्षेत्रवार रिजर्व प्राइस तय : प्रदेश की भौगोलिक विविधता को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए औद्योगिक भूखंडों की रिजर्व प्राइस तय की गई है। इसके अंतर्गत  मध्यांचल में ₹2,500/वर्गमीटर, पश्चिमांचल में 20% अधिक यानी ₹3,000/वर्गमीटर, बुंदेलखंड व पूर्वांचल में 20% कम, यानी ₹2,000/वर्गमीटर प्राइस निर्धारित किया गया है। इन दरों में हर साल 1 अप्रैल को 5% वार्षिक वृद्धि होगी। यदि किसी औद्योगिक आस्थान में एंकर इकाई स्थापित होने से एमएसएमई इकाइयों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, तो शासन विशेष दर पर भूखंड आवंटन का निर्णय ले सकेगा।
 
भुगतान की लचीली व्यवस्था : ई-ऑक्शन में सफल बोलीदाता को आरक्षित मूल्य का 10% अर्नेस्ट मनी देना होगा। शेष राशि एकमुश्त, 1 वर्ष या 3 वर्ष में चुका सकते हैं। वहीं, तत्काल भुगतान पर उन्हें 2% छूट मिलेगी। इसी तरह किस्त योजना में 12/36 समान मासिक किश्तें देय होंगी, जबकि विलंब पर दंड के रूप में अतिरिक्त ब्याज लगाया जाएगा।  
 
10% SC/ST को आरक्षण :  नीति के तहत आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है। कुल भूखंड/शेड का 10% एससी/एसटी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होगा। यदि कोई योग्य आवेदक न मिले, तो भूखंड अन्य वर्ग को दिया जा सकेगा ताकि विकास में रुकावट न आए।
 
सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर : औद्योगिक आस्थानों में सामान्य सुविधा केंद्र, विद्युत उपकेंद्र, अग्निशमन केंद्र, महिला हॉस्टल, डॉरमेट्री, क्रेच, पर्यावरण हितैषी पार्क, प्रशिक्षण संस्थान व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 
 
पारदर्शिता और एसओपी : आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग भूमि आवंटन, संपत्ति हस्तांतरण, पुनर्जीवीकरण, सबलेटिंग, विभाजन और सरेंडर आदि के लिए मानक गाइडलाइंस (एसओपी) लागू करेंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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