भारत में सैकड़ों खेलों का आविष्कार हुआ है। आओ जानते हैं प्रमुख 10 खेलों के नाम
इसका प्राचीन नाम ‘चतुरंगिनी’ था जिसका अर्थ 4 अंगों वाली सेना था।
इसे मोक्ष-पट भी कहते हैं। इसे वर्तमान में स्नेक एंड लैडर कहते हैं।
इस खेल को दक्षिण भारत में चेडुगुडु और पूरब में हु-तू-तू के नाम से भी जानते हैं।
आत्मरक्षा, आक्रमण व प्रत्याक्रमण के कौशल को विकसित करने के लिए इसकी खोज हुई थी।
इसे चेस, पचीसी और चौसर भी कहते हैं। महाभारत काल में कौरवों और पांडवों के बीच यह खेल खेला गया था।
यह खेल 18वीं सदी में मणिपुर में ‘सगोल कंगजेट’ नाम से प्रसिद्ध था। मध्यकाल में इसे ‘चौगान’ और ‘बुजकशी’ कहते थे।
महाभारत में जिक्र है कि श्री कृष्ण अपने साथियों के साथ यमुना किनारे फुटबॉल खेलते थे।
भारत में एक से एक धनुर्धर थे। धनुर्वेद नाम से एक प्राचीन वेद भी है जिसमें इस विद्या को विस्तार से बताया गया है।
रामायण काल में हनुमान और महाभारत काल में भीम का अपने साथियों के साथ कुश्ती लड़ने का जिक्र आता है।
प्राचीन भारत में इसे गंजीफा कहते थे। पहले पौराणिक चित्रों वाले 12 फिर 108 कार्ड हुए और फिर ज्योतिष के आधार पर 52 हुए।
इसके अलावा भाला फेंक, गिल्ली-डंडा, तैराकी, दौड़, बैटलदौड़, नौकायन और हॉकी का आविष्कार भी भारत में ही हुआ।