कार्तिकेय 2 क्या देखने लायक है

कार्तिकेय 2 को हिंदी में डब कर इसी नाम से रिलीज किया गया है। चंदू मोंडेती फिल्म के निर्देशक हैं और निखिल सिद्धार्थ, अनुपमा परमेश्वरन, श्रीनिवास रेड्डी, अनुपम खेर लीड रोल में हैं। क्या यह फिल्म देखने लायक है, आइए जानते हैं।

तर्क-वितर्क की गुंजाइश

कहानी को पौराणिक, ऐतिहासिक और साहसिक कहा जा सकता है क्योंकि ये सारे तत्व कहानी में शामिल हैं। फिल्म में और भी ढेर सारी बातें हैं जिन पर तर्क-वितर्क हो सकते हैं। आप कितनी बात मानते हैं ये दर्शक-दर्शक पर निर्भर है।

खोज में रोमांच नहीं

फिल्म में श्रीकृष्ण के कड़े को खोजने की भी यात्रा है, लेकिन इसमें बिलकुल भी रोमांच नहीं है। सब कुछ आसानी से हो जाता है इसलिए यह ट्रेक दिलचस्पी नहीं पैदा करता और कहीं-कहीं उबाता है।

लॉजिक की बात बेकार

फिल्म का नायक भले ही लॉजिक की बात करता हो, लेकिन फिल्म में लॉजिक की बात करना बेकार है। कई ऐसी बातें हैं जिन पर यकीन करना मुश्किल है।

ऐसे सवाल जिनके नहीं हैं जवाब

स्क्रीनप्ले में कई तरह के सवाल हैं जिनके कोई जवाब नहीं है। जहां भी मुश्किल आई, धर्म और विज्ञान का सहारा लेकर लेखक बच निकले हैं।

फिल्म देखने की एक भी नहीं है वजह

निर्देशक चंदू मंडेती ने फिल्म को खूब भगाया है, लेकिन उनके काम में कच्चापन नजर आता है। तकनीकी पहलुओं पर उनकी पकड़ नहीं है। कुल मिलाकर फिल्म को देखने का कोई कारण नजर नहीं आता।

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