कई लोग रात को सोते समय कान में रुई डालकर सोना पसंद करते हैं, इसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं?

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बाहर के शोर से बचने के लिए कान में रुई डालकर सो सकते हैं। इससे शोर कम सुनाई देगा।

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कानों में दवाई को टिके रहने के लिए भी कान में रुई लगाई जाती है। इससे कान में लंबे समय तक दवा टिकी रहती है।

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सर्दियों की हवा से कान में दर्द होने लगता है। इससे बचने और शरीर को गर्म रखने के लिए कानों में रुई लगाते हैं।

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बाइक पर सफर करते वक्त यदि हेलमेट नहीं लगा रहे हैं तो कानों में रुई लगाने से धूल से बच सकते हैं।

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कानों में रुई लगाने से धूल, मिट्टी, कीटाणु आदि कानों में नहीं जाते हैं जिससे कानों में मैल नहीं जमती है और न ही इन्फेक्शन होता है।

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ज्यादा देर कानों में रुई लगाने से आपके कान में मैल जम सकता है। इसके साथ ही खुजली या इन्फेक्शन की समस्या भी हो सकती है।

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कानों में रुई को सावधानी से लगाएं, यदि यह कानों के भीतर चली जाती है तो समस्या खड़ी हो सकती है।

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