हाथों की उंगलियां बराबर क्यों नहीं होती?

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे हाथों की चार उंगलियां और अंगूठा एक बराबर क्यों नहीं होते? जानिए यहां...

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शास्त्रों के अनुसार हाथ में 4 उंगलियां होती हैं, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठका।

लेकिन हम में से कई लोगों के मन ये सवाल आता है कि ये चार उंगलियां एक जैसी क्यों नहीं होती।

ये सवाल जितना साधारण लगता है, उतना ही रोचक भी है। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण...

जरा सोचिए, अगर सभी उंगलियां बराबर होतीं, तो लिखना और रोज के सारे काम करना कितना मुश्किल होता?

दरअसल, अलग-अलग लंबाई के कारण हम किसी भी चीज को मजबूती से पकड़ पाते हैं।

हाथ में बैलेंस बनाने के लिए उंगलियों की लंबाई में अंतर बेहद जरूरी होता है।

अंगूठा दूसरी दिशा में होने से किसी भी चीज को पकड़ने में ग्रिप बनी रहती है।

नेचर के साथ तालमेल बिठाने के लिए उंगलियों इस तरह बनी हैं जिससे हाथ सही तरह काम कर सकें।

कुछ मान्यताओं के अनुसार, उंगलियों की लंबाई का कनेक्शन व्यक्तित्व और भाग्य से भी जोड़ा जाता है।

हालांकि ईश्वर और प्रकृति की हर रचना सर्वश्रेष्ठ है। उसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं होती।

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