वीर श्री महाराणा प्रताप ने देश और धर्म के लिए तुर्क के मुगलों से लड़ाई लड़ी थी, जानें उनकी 10 रोचक बातें।

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कहते हैं कि महाराणा की 14 पत्नियों से उनके 17 पुत्र और 5 पुत्रियां थीं। उनके करीब 24 भाई व 20 बहनें थीं।

प्रताप के पिता महाराणा उदयसिंह और माता जयवंताबाई सोनगरा थीं। वे राणा सांगा के पौत्र थे।

प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनको बचपन में 'कीका' नाम से पुकारते थे।

इतिहास में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिलता कि महाराणा प्रताप शाकाहारी या मांसाहारी थे।

महाराणा ने 20 साल जंगल में रहकर नए सिरे से सेना तैयार की और अकबर से युद्ध करके मेवाड़ का 85 प्रतिशत हिस्सा पुन: हासिल कर लिया था।

1576 को आमेर के राजा मानसिंह और आसफ खां के नेतृत्व में मुगल सेना और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।

1577 में हल्दीघाटी के गांव में प्रताप द्वारा जारी किए गए पट्टे और मोहरें इस बात का सबूत है कि वे युद्ध जीत गए थे।

अकबर ने अपनी हार पर अपने दोनों सेनापति मानसिंह और आसिफ खां को छह महीने तक दरबार में न आने की सजा दी थी।

30 वर्षों के संघर्ष के बाद भी क्रूर अकबर, महाराणा प्रताप को न तो बंदी बना सका और न ही झुका सका।

आखिरकार, युद्ध और शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महाराणा प्रताप की मृत्यु 29 जनवरी 1597 को चावंड में हुई।

वीरता, शौर्य, पराक्रम एवं त्याग के प्रतीक श्री महाराणा प्रताप की जयंती पर शत्-शत् नमन।

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