आजकल हार्ट अटैक किसी भी उम्र के व्यक्ति को होने लगा है। यह सामान्य जानकारी है, डॉक्टर की सलाह से ही कोई निर्णय लें-

बैड कोलेस्ट्रॉल से धमनियों में फैट की मात्रा अधिक जमने से खून जमने लगता है जो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ा देता है।

तला-भुना खाने, स्मोकिंग, नशा करने, वसायुक्त या हाई सैचुरेटेड डाइट, मैदा-बेसन की चीजें खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।

शोधानुसार एंजाइना पेक्टोरिस कोरोनरी आर्टरी डिजीज का लक्षण है, जिसमें यदि छींक आते समय छाती पर दबाव और भारीपन लगता है तो यह अटैक आने के लक्षण है।

सांस लेने में तकलीफ, अनिद्रा, बेचैनी, ठंडा पसीना आना, चक्कर आना, जल्दी थकान, चिंता, स्ट्रेस, खांसी या घरघराहट होना हार्ट अटैक आने के लक्षण है।

हाई ब्लड प्रेशर, लो ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है तो भी हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। जींस फैक्‍टर भी मायने रखता है।

वर्कप्लेस से लेकर पर्सनल लाइफ में किसी तरह का अत्यधिक तनाव है तो यह भी हार्ट अटैक की संभावना को जन्म देता है।

क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करने, एक्सरसाइज के बाद तुरंत नहाने या क्षमता से अधिक दौड़ने भागने से भी हार्ट अटैक आ सकता है।

जब दिल की मांसपेशियों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन या खून नहीं मिल पाता है तो हार्ट अटैक आता है।

एक रिसर्च के अनुसार सुबह 3-4 बजे और उसके बाद होने वाले हार्ट अटैक अन्य समय की अपेक्षा अधिक खतरनाक होते हैं।

रिसर्च के अनुसार बॉडी क्लाक ही सुबह के समय हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने के लिए जिम्मेदार है।

कोई भी लक्षण, कारण और जीवनशैली आपकी है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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