अपराधी का सच कैसे पकड़ता है Narco Test?

क्या आप जानते हैं कि जब कोई अपराधी झूठ बोलता है और सबूत नहीं मिलते, तो पुलिस उसे सच उगलवाने के लिए Narco Test कराती है? जानिए कैसे...

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Narco Test एक साइंटिफिक तरीका है

इसमें व्यक्ति को एक खास दवा देकर उसकी अवचेतन अवस्था में सवाल पूछे जाते हैं।

इस टेस्ट में आमतौर पर सोडियम पेंटोथल (Sodium Pentothal) नाम की दवा दी जाती है जो व्यक्ति को सच बोलने की अवस्था में ले जाती है।

दवा के असर में व्यक्ति अपने अवचेतन मन से झूठ छिपा नहीं पाता।

उसके जवाबों से अपराध की कड़ियां जुड़ने लगती हैं।

जब पुलिस के पास प्रूफ की कमी हो और आरोपी लगातार झूठ बोल रहा हो, तब कोर्ट की इजाजत से यह टेस्ट कराया जाता है।

Narco टेस्ट बिना आरोपी की सहमति के वैध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे जबरन करवाना गैरकानूनी माना है।

नार्को टेस्ट से हर बार सच्चाई नहीं मिलती, यह केवल सहायक सबूत के तौर पर देखा जाता है, न कि अंतिम प्रमाण के रूप में।

अर्जुन भनोट मर्डर केस, निर्भया केस, आरुषि हत्याकांड – इन मामलों में नार्को टेस्ट सुर्खियों में रहा है।

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