भाई दूज पर करते हैं ये 7 कार्य

भाई दूज को शुक्ल द्वितीया भी कहते हैं। आओ जानते हैं इस दिन क्या करते हैं-

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इस दिन यमराज और यमुना की पूजा के साथ दीपदान किया जाता है और यम-यमुना की कथा सुनी जाती है।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को अपने घर बुलाकर उसे तिलक लगाकर उसकी आरती उतारकर उसे भोजन खिलाती हैं।

भोजन के बाद भाई को पान खिलाने का महत्व है। मान्यता है कि पान भेंट करने से बहनों का सौभाग्य अखण्ड रहता है।

इस दिन जो भाई-बहन इस रस्म को निभाकर यमुना जी में स्नान करते हैं, उनको यमराज यातना नहीं देते हैं।

इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी प्रचलन है। कहते हैं कि इसी दिन से चित्रगुप्त लिखते हैं लोगों के जीवन का बहीखाता।

वणिक वर्ग के लिए यह नवीन वर्ष का प्रारंभिक दिन कहलाता है। वे नवीन बहियों पर 'श्री' लिखकर कार्य प्रारंभ करते हैं।

चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात तथा पुस्तकों की भी पूजा भी की जाती है।

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