दिवाली के ठीक दूसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाते हैं लेकिन क्या आपको पता है यह पर्व क्यों मनाया जाता है
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स्कंद पुराण की कथा के अनुसार, भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा की मुख्य 2 संतान थीं।
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जिसमें बेटा यमराज और बेटी यमुना थी। यम पापियों को दंड देते थे। यमुना मन की निर्मल थीं।
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यमुना को लोगों की परेशानी देख दुख होता था इसलिए वो गोलोक में रहती थीं।
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एक दिन बहन यमुना ने भाई यमराज को गोलोक में भोजन के लिए बुलाया।
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बहन के घर जाने से पहले यम ने नरक के निवासियों को मुक्त कर दिया था।
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दूसरी कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे।
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उपरोक्त 2 कथाओं के बाद ही से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा।
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मान्यता है कि सुभद्रा की तरह भाई के माथे पर तिलक लगाकर सत्कार करने से भाई बहन के बीच प्रेम बढ़ता है।
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इस दिन श्रद्धापूर्वक अपने पापों की माफी मांगने पर यमराज क्षमा कर देते हैं।
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