राखी पर भाई के माथे लगे तिलक के फायदे
रक्षाबंधन पर भाई के माथे पर बहनें जो तिलक लगाती हैं, जानिए क्या है इसका शुभ महत्व
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आमतौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म, जल आदि का तिलक किया जाता है।
तिलक लगाने से मनोवैज्ञानिक असर के चलते व्यक्तित्व प्रभावशाली और आत्मविश्वासी हो जाता है।
तिलक लगाने से मस्तिष्क शांत रहता है। कई मानसिक बीमारियां ठीक हो सकती हैं।
इससे दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे सिरदर्द और उदासी दूर होती है।
हल्दी युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है क्योंकि हल्दी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं।
चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है ग्रहों की शांति हो जाती है और कई तरह के संकट से जातक बच जाता है।
चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
कुमकुम के तिलक के साथ चावल का प्रयोग करना विजय, पराक्रम, सम्मान, श्रेष्ठता और वर्चस्व का प्रतीक है।
तिलक मस्तिष्क के बीच में लगाया जाता है। यह स्थान छठी इंद्री का है, जो सक्रिय रहती है।
शुभ भाव से तिलक के माध्यम से मस्तिष्क पर दबाव बनाया जाए तो स्मरण शक्ति, निर्णय क्षमता, बौद्धिकता, तार्किकता, साहस और बल में वृद्धि होती है।
माथे के बीचोंबीच अग्निचक्र पर तिलक करने से ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
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