शाकाहारी नहीं, जानें मंदिर के अनोखे प्रासादों के बारे में...

क्या प्रसाद सिर्फ वेज होता है,नहीं, आइए जानते हैं मंदिर में मिलने वाले अनोखे प्रासादों के बारे में...

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क्या आपने कभी सोचा है, क्या प्रसाद हमेशा शाकाहारी (Veg) ही होता है? चलिए जानते हैं मंदिरों में मिलने वाले अनोखे प्रसादों के बारे में।

भारत के हर मंदिर में ऐसा नहीं होता, लेकिन कुछ जगहों पर बलिदान परंपरा निभाई जाती है।

मंदिर में नॉन-वेज आहार के प्रसाद के रूप में मिलने की बात थोड़ी अटपटी है, लेकिन वास्तव में यही सच है।

वहां मांसाहारी भोग चढ़ाकर बाद में उसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

भारत में कई मंदिरों में परंपरा अनुसार अलग-अलग प्रसाद मिलते हैं।

ज्यादातर मंदिरों का प्रसाद के तौर पर हलवा, लड्डू, खीर, फल और पंचामृत जैसे शुद्ध शाकाहारी प्रसाद मिलता है।

जैसे ओडिशा के विमला मंदिर में विमला देवी को विशेष दिनों में मांस और मछली का भोग लगाने की परंपरा बदस्तूर जारी है।

उत्तर प्रदेश के तारकुल्हा देवी मंदिर के प्रसिद्ध वार्षिक खिचड़ी मेले में मनोकामना पूरी होने पर भक्त देवी को बकरा चढ़ाकर उसका मांस पकवाकर प्रसाद के रूप में बांटते हैं।

51 शक्तिपीठों में से एक, कोलकाता के कालीघाट काली मंदिर में पशु बलि दी जाती है।

क्या आपने कभी इनमें से किसी मंदिर का दौरा किया है? स्टोरी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें।

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