उड़ीसा राज्य में स्थित 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत की सूची में शामिल विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के रोचक तथ्य। photo courtesy-गिरीश श्रीवास्तव।
गिरीश श्रीवास्तव
सूर्य देवता के रथ के आकार में बनाया गया यह मंदिर मध्यकालीन वास्तुकला, विशिष्ट आकार और शिल्पकला का अनोखा उदाहरण है।
यहां के सभी पत्थरों पर की गई अद्भुत नक्काशी देखते ही बनती है। मंदिर स्तंभ, पत्थर के पहिए और घोड़ों पर उत्तम नक्काशी की गई है।
इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंह देव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था।
15वीं शताब्दी में मुस्लिम लुटेरों और आक्रांताओं के कारण यह मंदिर काफी क्षतिग्रस्त हो गया था।
सूर्य देवता के रथ में बारह जोड़ी पहिए हैं और रथ को खींचने के लिए उसमें 7 घोड़े जुते हुए हैं। कुछ लोग मानते हैं कि 12 जोड़ी पहिए साल के बारह महीनों को दर्शाते हैं।
सूर्य मंदिर समय की गति को दर्शाता है। पूर्व दिशा की ओर जुते 7 घोड़े सप्ताह के सातों दिनों, 12 जोड़ी पहिए दिन के चौबीस घंटे और 8 ताड़ियां दिन के आठों प्रहर की प्रतीक स्वरूप है।