नवरात्रि की षष्ठी शक्ति मां कात्यायनी के 7 रहस्य

मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी। नवरात्रि की षष्ठी तिथि को इनकी उपासना करते हैं-

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मां दुर्गा ने कात्यायन ऋषि की इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लेकर महिषासुर का वध किया था।

मंत्र - ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

सिंह पर सवार मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं। जिसमें एक में तलवार दूसरे में कमल सुशोभित है। एक अभयमुद्रा और दूसरी वरमुद्रा है।

इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है।

मां कात्यायनी के आशीर्वाद से विवाह के योग बनते हैं साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशियां प्राप्त होती हैं।

गोधूली बेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए।

माता का संबंध कृष्ण और उनकी गोपिकाओं से रहा है और ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।

कात्यायिनी महामाया महायोगिन्यधीश्वरी नंदगोप सुतं देहि,पति मे कुरुते नम:

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