नवरात्रि की पांचवीं शक्ति स्कंदमाता के 7 रहस्य

माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वह स्कंद की माता कहलाती हैं।

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मंत्र : ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

सिंह पर सवार माता की गोद में स्कंद हैं। इनकी 3 आंखें व 4 भुजाएं हैं। दो हाथों में कमल, एक वरमुद्रा में है।

जिन व्यक्तियों को संतान न हो, वे माता की पूजन-अर्चन तथा मंत्र जप कर लाभ उठा सकते हैं।

पंचमी तिथि के दिन पूजा कर स्कंदमाता को केले का भोग लगाने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।

स्कंद माता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना स्वयं हो जाती है।

स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

नवरात्रि की पंचम शक्ति आपको आशीष दें, हमारी शुभकामनाएं

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