मेष संक्रांति क्या है, जानिए 9 खास बातें

सूर्य के मेष राशि में प्रवेश को मेष संक्रांति कहते हैं, जानिए 9 खास बातें

Credit: Webdunia

पुण्यकाल : सुबह 11:01 बजे से शाम को 06:55 तक। अवधि- 07 घंटे 55 मिनट्स।

मेष संक्रांति का महापुण्य काल- दोपहर 01:06 बजे से शाम 05:17 बजे तक। अवधि- 04 घंटे 11 मिनट्स।

इस दिन सूर्य पूजा से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। विधिवत रूप से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।

मेष संक्रांति के दिन सत्तू और गुड़ खाया जाता है।

स्नान-दान-तर्पण आदि के लिए मेष संक्रांति का दिन बहुत शुभ माना जाता है।

इस संक्रांति से वस्तुओं की लागत सामान्य रहेगी। अनाज, धन और समृद्धि में वृद्धि होगी। लोगों की सेहत और 2 राष्ट्रों के बीच संबंधों में सुधार होगा।

मेष संक्रांति को खेती से भी जोड़कर देखा जाता है। फसल की पूजा की जाती है और फिर फसल कटाई की शुरुआत होती है।

इस दिन से खरमास समाप्त होने से मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है। शिव, विष्णु और काली की भी पूजा का विधान है।

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