धरती के एक ओर उत्तरी तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत।
webduniaइसे एक्सिस मुंडी कहते हैं अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। अलौकिक शक्ति का यहां वास है।
webdunia100 छोटे पिरामिडों का केंद्र यह एक पिरामिडनुमा पर्वत है। इसकी संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है।
webduniaइस पर्वत पर चढ़ना मुश्किल है, परंतु कहते हैं कि 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा ने इस पर चढ़ाई की थी।
webduniaयहां 2 सरोवर मुख्य हैं- पहला, मानसरोवर जिसका आकार सूर्य के समान है। दूसरा, राक्षस झील जिसका आकार चन्द्रमा के समान है।
webduniaकैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है- ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज व करनाली।
webduniaवैज्ञानिकों के अनुसार इसके चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह है जिसमें सिर्फ तपस्वी ही रह सकते हैं।
webduniaयहां निरंतर एक आवाज सुनाई देती है, जो डमरू या ॐ की ध्वनि जैसी होती है। इसका रहस्य अभी तक बरकरार है।
webduniaदावा किया जाता है कि कई बार कैलाश पर्वत पर 7 तरह की रोशनियां आसमान में चमकती हुई देखी गई हैं।
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