नागपंचमी पर इन 10 नागों का महत्व है... जानिए नाम....
भगवान विष्णु के सेवक हैं। लक्ष्मण और बलराम शेषनाग के अवतार थे।
भगवान शिव के सेवक हैं। समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकि को ही रस्सी बनाया था।
महाभारत काल में शमीक मुनि के शाप के कारण तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डस लिया था।
नागराज कर्कोटक शिव के गण थे। शिवजी की स्तुति के कारण कर्कोटक जन्मेजय के नागयज्ञ से बच गए थे।
पद्म नागों का गोमती नदी के पास के नेमिश नामक क्षेत्र पर शासन था। असम के नागवंशी इन्हीं के वंशज है।
विष्णु पुराण में विभिन्न नाग कुलों में महापद्म का नाम भी आया है।
शंख नागों पर धारियां होती हैं। यह जाति अन्य नाग जातियों की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान मानी जाती थी।
कुलिक नाग जाति नागों में ब्राह्मण कुल की मानी जाती है जिसमें अनंत भी आते हैं।
वासुकी के पुत्र धृतराष्ट्र के पास संजीवनी मणि थी। अर्जुन को इसी मणि से जिंदा किया था।
श्रीकृष्ण के साथ युद्ध में पराजित कालिया नाग को यमुना नदी को छोड़कर जाना पड़ा था।