नवमी की देवी मां सिद्धिदात्री के 9 रहस्य
मां दुर्गा की नौवीं विभूति हैं मां सिद्धिदात्री हैं। नवरात्रि की नवमी तिथि को इनकी आराधना करें-
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कमल पर विराजमान चार भुजाओं वाली मां सिद्धिदात्री के हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल रहता है।
मंत्र- 'ॐ सिद्धिदात्र्यै नम:।' समस्त स्त्रियों में मातृभाव रखने हेतु मां का मंत्र जपा जाता है जिससे देवी प्रसन्न होती हैं।
इनकी साधना से अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।
माता को तिल का भोग लगाने से मृत्यु भय से राहत मिलेगी। साथ ही अनहोनी होने से बचाव भी होता है।
घी का दीपक जलाने के साथ-साथ मां सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
नवमी का समापन पूजन-अर्चन के पश्चात हवन करवाकर ही पूर्ण होता है।
देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, मनुष्य आदि सभी नवमी की पूजा करते हैं।
इस दिन सभी कन्याओं और निर्धनों को भोजन कराने के बाद ही खुद खाएं या व्रत का पारण करें।
मां की शास्त्रीय पद्धति से पूजा करने वाले सभी रोगों से मुक्त हो जाते हैं और धन वैभव संपन्न होते हैं।
महानवमी की शुभकामनाएं
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