तृतीया श्राद्ध का क्या है महत्व
श्राद्ध पक्ष में क्या है तृतीया श्राद्ध का महत्व, जानिए किसके लिए करें-
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जिस किसी भी जातक की मृत्यु तृतीया तिथि के दिन हुई है उसका श्राद्ध इस तिथि को करते हैं।
पितरों के आहार के लिए जलते उपले पर गुड़-घी के साथ अन्न अर्पित करें।
तृतीया श्राद्ध के दिन पंचबलि कर्म करें। अर्थात गाय, कुत्ते, कौवे, चींटी और देवताओं को भोजन अर्पित करें।
श्राद्ध कर्म में तिल, कुश, चावल या जौ और तुलसी का होना बहुत जरूरी है।
इस दिन मध्यान्ह काल में तर्पण एवं पिंडदान करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और यथाशक्ति उन्हें दान दें। अन्यथा किसी गरीब को भोजन कराएं।
तृतीया यानी तीज के श्राद्ध को महाभरणी भी कहते हैं। इस दिन पितृसुक्त का पाठ करें।
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