पंचमी का श्राद्ध क्यों है खास, जानें विशेषताएं
श्राद्ध पक्ष में पंचमी का श्राद्ध बहुत महत्व रखता है। जानें इसकी विशेषता-
webdunia
पंचमी का श्राद्ध कुतुप काल, रोहिणी काल या मध्यान्ह काल में करें।
जिस किसी की मृत्यु कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुई है उसका श्राद्ध इस तिथि को करते हैं।
पंचमी का श्राद्ध उनके लिए भी किया जाता है जिनकी मृत्यु गतवर्ष ही हुई हो।
पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।
जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है उनका पंचमी को श्राद्ध करते हैं। इसलिए इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं।
पंचमी के दिन काले तिल, वस्त्र, अन्न, गुड़ घी, जूते, छाता आदि यथाशक्ति दान करें।
श्राद्ध में मिर्च, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर दाल, सरसों साग, चना वर्जित है।
religion
श्राद्ध कैसे करते हैं, सबसे सरल विधि
Follow Us on :-
श्राद्ध कैसे करते हैं, सबसे सरल विधि