क्यों मानते हैं कौवे को पितर, जानें रहस्य

श्राद्ध पक्ष में कौवे को ही क्यों देते हैं अन्न, क्यों मानते हैं उसे पितर? जानें कौवे का रहस्य-

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कौवे को अतिथि-आगमन का सूचक और पितरों का आश्रम स्थल माना जाता है।

पुराण कथानुसार कौवे ने अमृत चख लिया था इसलिए इसकी मौत एक रहस्य है। यह दुर्घटना में ही मरता है।

जिस दिन किसी कौवे की मृत्यु हो जाती है उस दिन उसका कोई साथी भोजन नहीं करता है।

कौवे को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाता है।

शास्त्रानुसार कोई भी क्षमतावान आत्मा कौवे के शरीर में स्थित होकर विचरण कर सकती है।

कौवे को भोजन कराने से पितृ और कालसर्प दोष दूर होता है और साथ ही पितृ तृप्त होते हैं।

कौवा बगैर थके मीलों उड़ सकता है।

सफेद कौवा भी होता है लेकिन वह बहुत ही दुर्लभ है।

प्रस्तुत जानकारी मान्यताओं पर आधारित है।

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