अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर हैं और गर्भगृह में रखी जाने वाली मूर्ति का चयन भी हो गया है, लेकिन सवाल यह है कि रामलला की मूर्ति श्याम ही क्यों..
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कर्नाटक के अरुण योगीराज की बनाई गई भगवान राम की मूर्ति राम मंदिर में स्थापित की जाएगी।
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मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम के बाल रूप वाली मूर्ति स्थापित होगी।
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मूर्ति तैयार करने का काम देश के तीन बड़े मूर्तिकारों को सौंपा गया था।
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दूसरे मूर्तिकार कर्नाटक के ही गणेश भट्ट हैं। वहीं तीसरे मूर्तिकार राजस्थान के सत्यनारायण पांडे हैं।
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कर्नाटक के दोनों मूर्तिकारों की बनाई मूर्तियां गहरे नीले-ग्रे पत्थर की हैं।
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इन मूर्तियों को 'श्याम शिला' कहा जाता है। वहीं सत्यनारायण पांडे की बनाई मूर्ति शुद्ध सफेद है।
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तुलसीदास के रामचरितमानस में भगवान राम का शरीर श्याम रंग का बताया गया है।
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बालकांड में श्री के शरीर के लिए 'तनु घनस्यामा' शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। मतलब मेघ के समान श्याम शरीर।
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इसलिए गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति का रंग श्याम है।