पवित्र नदियों में से एक कृष्णा नदी दक्षिण भारत की गंगा है। आओ जानते हैं इसके बारे में 10 रोचक तथ्य।

कृष्णा नदी का उद्गम पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर (महाराष्ट्र) से होता है।

यह नदी भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। पुराणों में कृष्णा को विष्णु के अंश से संभूत माना गया है।

यह महाराष्ट्र में 303 किमी आंध्रप्रदेश में 1300 किमी तथा कर्नाटक में 480 किमी की यात्रा कर मसुलीपट्म के निकट बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।

कृष्णा नदी में भीमा और तुंगभद्रा दो बड़ी सहायक नदियों सहित 6 उपनदियां गिरती हैं।

कृष्णा नदी की उपनदियों में प्रमुख हैं: तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मूसी और भीमा।

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य कृष्णा नदी जल बंटवारे से संबंधित विवाद है।

महाभारत सभा पर्व में कृष्णा को कृष्णवेणी कहा गया है और गोदावरी और कावेरी के बीच में इसका उल्लेख है जिससे इसकी वास्तविक स्थिति का बोध होता है।

कृष्णा और वेणी के संगम पर माहुली नामक प्राचीन तीर्थ है। इसके अलावा दत्त देव का मंदिर, हरिपुर में संगमेश्वर शिव मंदिर, कामकिंग मंदिर और औदुम्बर एवंनारासोमाबदी मंदिर स्थित है।

कृष्णा नदी में हरियाली एवं वनस्पति भरपूर है। घने जंगलों में आम के पेड़ मिलते हैं। कृष्णा वन्य जीव अभयारण्य में मगरमच्छ, भिन्न रूप की मछलियाँ हैं एवं हिरण नजर आते हैं।

कृष्णा लगभग 120 किमी की तटरेखा के साथ एक बड़ा डेल्टा बनाती है। अलमाटी, श्रीशैलम, नागार्जुन सागर और प्रकाशम बैराज नदी पर बने कुछ प्रमुख बांध हैं।

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