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'कदम' और 'वैष्णवी' के लोभ में डूबे किसान

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रायपुर , शनिवार, 7 अप्रैल 2012 (08:24 IST)
बीज निगम द्वारा किसानों को दिए गए बीज ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। प्याज के बीज गुणवत्ता से परे हैं तो मिर्च से तीखापन गायब है। दरअसल निगम ने प्याज की वेराइटी 'कदम' और मिर्च 'वैष्णवी' किसानों को दी थी, लेकिन गुणवत्ताविहीन होने के चलते उनकी फसल पर काफी प्रभाव पड़ा। आनन-फानन में निगम ने इसे जाँच के लिए राहोरी की यूनिवर्सिटी में भेजा और वहाँ की रिपोर्ट ने इन्हें अमानक करार दिया है।


मिली जानकारी के मुताबिक बीज निगम ने वर्ष 2011-12 में हाईब्रीड बीज के 20 नमूने परीक्षण के लिए आईसीएआर और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी राहोरी को भेजा था। इनमें से अभी तक 9 नमूनों की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें से 2 के सैम्पल गुणवत्ताविहीन पाए गए। वहीं 11 नमूनों की रिपोर्ट नहीं मिली है। हालांॅकि प्रबंधन की दलील है कि जिन बीजों के नमूने अमानक स्तर के पाए गए हैं, उन्हें भंडारण व वितरण पर रोक लगाई गई है। वहीं जिन किसानों को यह बीज वितरित किए जा चुके हैं, उन्हें फसल का रिजल्ट देखकर हताशा ही हाथ लगी है।


नमूनों की जाँच के बगैर खरीदी

बताया जा रहा है कि निगम द्वारा बगैर जाँच के बीज की खरीदी कर ली जाती है, जबकि शासन का साफ आदेश है कि बिना माइलोकूलर रिपोर्ट के बगैर बीज की खरीदी नहीं होगी। बावजूद इसके बिना रिपोर्ट के बीजों की खरीदी कर ली गई। बाद में जब शिकायत सामने आई तो इसे जाँच के लिए भेजा गया। इसी तरह पिछले सात सालों में निगम ने करोड़ों रुपए की कीटनाशक दवाइयों की खरीदी के बाद जब इसकी शिकायत सामने आई तो वर्ष 2011 में जाँच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। सूत्रों की मानें तो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रयोगशालाओं से सांॅठगांॅठ कर अमानक बीज व दवाइयों को मानक का दर्जा ले लिया जाता है।


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