Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कॉमनवेल्थ बिजली घोटाले में सात आरोपियों के खिलाफ अभियोग तय होंगे

हमें फॉलो करें कॉमनवेल्थ बिजली घोटाले में सात आरोपियों के खिलाफ अभियोग तय होंगे
नई दिल्ली , शनिवार, 25 फ़रवरी 2012 (01:21 IST)
कॉमनवेल्थ गेम बिजली घोटाले में सात आरोपियों के खिलाफ अदालत ने अभियोग तय करने के आदेश दिए हैं। विशेष न्यायाधीश प्रदीप चड्डा ने आदेश देते हुए कहा कि प्रथमदृष्ट्या इनके खिलाफ मामला बनता है। फैसला 27 मार्च को सुनाया जाएगा।


आरोपियों में नगर निगम के अधीक्षक अभियंता डीके सुगन, कार्यकारी अभियंता ओपी महला, लेखापाल राजू वी और निविदा कलर्क गुरुचरण सिंह। इसके अलावा स्वेस्का पॉवरटेक इंजीनियर्स प्रालि. के प्रबंध निदेशक टीपी सिंह और निदेशक जेपी सिंह का भी नाम शामिल है। मामले में फिलप्स इंडिया प्रालि के एक कर्मचारी मेहूल कार्णिक को आरोप-मुक्त कर दिया गया।


सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र (120 बी), धोखाध़ड़ी और जालसाजी तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा लगाई थी। सीडब्लूजी में सीबीआई ने अब तक दस घोटाले में मामला दर्ज किया है।


आरोप-पत्र के अनुसार स्ट्रीट लाइट को और सुंदर (अंतरराष्ट्रीय स्तर) बनाने के लिए निविदा साल 2008 (14 मई) में निकाली थी। पांच कंपनियों ने भागीदारी ली थी। तीन के नाम पर ही विचार किया गया। सुगन की मदद से स्वेस्का द्वारा जमा कराए गए निविदा पत्र में छे़ड़छा़ड़ की गई। उसने इसे संशोधित कर नया दर लिख दिया। इससे सरकार को 1 करो़ड़ 42 लाख 83 हजार रुपए का नुकसान हुआ। सीबीआई ने सुगन को मुख्य षडयंत्रकर्ता कहा। इसी ने स्वेस्का के निविदा पत्र में मनमाफिक आंक़ड़े लिखे। आरोपी गुरचरण ने निविदा की शुरुआत में खाताबही प्रबंधित नहीं किया। समय बीत जाने के बाद उसने रजिस्टर में इंट्री की।


अदालत ने कहा कि अगर ये इंट्री पहले ही की गई होती तो निविदा पत्र में छे़ड़छा़ड़ करने की गुंजाइश कम होती। आरोपी महला ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर तो किए लेकिन ओवराइटिंग को नजरअंदाज कर दिया। अदालत ने कहा कि जाहिर है उसने ऐसा बिना हिस्सा लिए नहीं किया होगा। राजू निविदा के दस्तावेज पर किए गए छे़ड़छा़ड़ को पक़ड़ने में नाकामयाब रहा। आरोप-पत्र में कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में कंपनी के प्रमोटर फायदे में रहे। अदालत ने फिलिप्स को आरोप-मुक्त कर दिया। दरअसल, उसने निविदा पत्र ही जमा ही नहीं कराए थे।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi