-कमल शर्मा
मॉरीशस ने टैक्स ट्रीटी पर भारत की चिंता को जायज ठहराया है। मॉरीशस ने भारत को इस पूरे मुद्दे पर जाँच करने की पूरी छूट देने का फैसला किया है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम का कहना है कि हमने मॉनिटरिंग सेल की स्थापना कर दी है और भारत को टैक्स ट्रीटी मामले पर जाँच करने का प्रस्ताव दिया है। इस बीच, मॉरीशस ने निवेशकों के लिए टैक्स रेसीडेंसी सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया कड़ी बना दी है।
नए नियमों के मुताबिक सभी बोर्ड बैठक मॉरीशस में करनी होगी। कंपनी को अपने बोर्ड में दो स्थानीय निदेशक रखना जरूरी है। साथ सारा लेन-देन मॉरिशस स्थित बैंक खाते से होना जरूरी है। इन नियमों पर अमल के लिए मॉरिशस में ऑफिस होना जरूरी है।
इस बीच, भारत की चिंता ट्रीटी शॉपिंग यानी भारत में निवेश के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स में छूट के मिल रहे लाभ का तीसरे देश के निवेशकों द्धारा किए जाने दुरुपयोग पर है। साथ ही सरकार भारतीय निवेशकों द्धारा हो रहे राउंड ट्रिपिंग्स को भी रोकना चाहती है। इसके तहत स्थानीय निवेशक विदेश में जाकर मॉरीशस के रास्ते धन वापस भारत ले आते हैं।
भारत सरकार तो वैसे भी नहीं चेतती, अगर इसके खिलाफ अदालत में जनहित याचिका दायर नहीं होती। मौजूदा सरकार ने इसको अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया। भारत सरकार ने जब सारी बात मॉरिशस सरकार को बताई तो मॉरीशस को भी लगा कि दाल में कुछ काला है। अत: अब उसने इस पूरी ट्रीटी की खुलकर जाँच करने की भारत को छूट देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि अगस्त 1982 में भारत और मॉरीशस के साथ एक टैक्स ट्रीटी हुई थी जिसको डबल टैक्सेशन एवाइडेंस ट्रीटी कहा जाता है। भारत ने इस ट्रीटी के तहत मॉरीशस निवासियों को भारत में शेयर की खरीद बिक्री पर हुई कमाई पर टैक्स न लेने का वचन दिया था। इसी तरह की छूट मॉरीशस ने भी दी। भारतीय निवेशक दस से तीस तक कैपिटल गेन्स टैक्स देते हैं, जबकि मॉरीशस वाले संस्थागत निवेशक न तो भारत में कर अदा करते हैं और नही मॉरीशस में।
हमारे देश ने 50 विभिन्न देशों के साथ डबल टैक्सेशन एवाइडेंस ट्रीटी पर हस्ताक्षर कर रखे हैं जिनमें कम से कम 16 ट्रीटी मॉरीशस के साथ किए गए समझौते जैसी हैं। इन देशों में साइप्रस, इंडोनेशिया, माल्टा, तंजानिया, थाईलैंड, सीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और जाम्बिया शामिल हैं। मॉरीशस के साथ हुई ट्रीटी की जाँच करने की बात उठने के साथ अब यह माना जा रहा है दूसरे देशों के साथ हुई ट्रीटी की भी जाँच की जा सकती है।
गार्डन सिल्क : डार्क हॉर्स
फैब्रिक इंजीनियर, डिजाइन मेकर और पॉलिएस्टर यार्न निर्माता कंपनी गार्डन सिल्क मिल्स आने वाले दिनों में आपको नई ऊँचाई पर देखने को मिले तो अचरज न करें। यह कंपनी महिलाओं के लिए ब्लाउज, स्कर्ट, ड्रेस और साड़ी उत्पादन से जुड़ा एक प्रसिद्ध नाम है। सूरत के नजदीक वरेली में इसकी उत्पादन इकाई लगी हुई है, जहाँ 42 लाख मीटर हर माह ग्रेजी फैब्रिक के उत्पादन की क्षमता लगी हुई है। इसके अलावा सूरत के समीप ही जोलवा में आधुनिक स्पिनिंग संयंत्र है।
देश के 65 शहरों में इसके 293 रिटेल आउटलेट हैं। कंपनी ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस, मध्य पूर्व और खाड़ी देशों, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग, मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में अपने फैब्रिक्स उत्पाद निर्यात करती है।
कंपनी अब बड़े निवेश के साथ अपना विस्तार करने जा रही है जिसके नतीजे वर्ष 2008-09 की तीसरी तिमाही में देखने को मिलेंगे। कंपनी 600 टन प्रति दिन की क्षमता वाला सीपी प्लांट लगा रही है। इसके अलावा एफडीवाई की क्षमता में 70 टन दैनिक और पीओवाई की क्षमता में 82 टन दैनिक की अतिरिक्त बढ़ोतरी करने जा रही है।
गार्डन सिल्क टेक्सच्युराइजिंग मशीनों की संख्या बढ़ा रही है, जिनकी क्षमता 64 टन दैनिक होगी। इस विस्तार के बाद कंपनी के वॉल्यूम में तगड़ा इजाफा होगा और इसकी विकास दर में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। कंपनी लगातार अपने संसाधनों का बेहतर ढंग से प्रबंधन कर रही है। वर्ष 2005 के झटके बाद इसने अपने कामकाज में निरंतर सुधार किया है और बेहतर रिटर्न की ओर मुड़ी है।
वर्ष 2004, वर्ष 2005, वर्ष 2006, वर्ष 2007 में नेटवर्थ पर रिटर्न क्रमश: 10.60 फीसदी, 1.30 फीसदी, 5.60 फीसदी और 4.90 फीसदी रहा है। जबकि इन वर्षों में रिटर्न ऑन कैपिटल एम्पलायड 9.90 फीसदी, 3.60 फीसदी, 8.70 फीसदी और 11.20 फीसदी रहा।
कंपनी के नतीजों पर नजर डालें तो 30 सितंबर 2007 को समाप्त तिमाही में कंपनी की कुल आय 437.54 करोड़ रुपए थी और शुद्ध लाभ 17.74 करोड़ रुपए। जबकि 30 जून 2007 को खत्म तिमाही में कुल आय 392.73 करोड़ रुपए और शुद्ध मुनाफा 4.84 करोड़ रुपए था। कंपनी की इक्विटी पूँजी 38.29 करोड़ रुपए है। इसका बाजार पूँजीकरण 380 करोड़ रुपए के आसपास है।
इस कंपनी में शेयरधारिता को देखें तो प्रमोटरों के पास 53.46 फीसदी शेयर हैं जबकि आम जनता के पास 19.98 फीसदी शेयर हैं जबकि शेष इक्विटी संस्थागत के साथ अन्य निवेशकों के 26.56 फीसदी इक्विटी है। पीई 11.26 है और बुक वेल्यू 98 रुपए। गार्डन सिल्क के शेयर का भाव पिछले 52 सप्ताह में ऊपर में 122 रुपए और नीचे में 45 रुपए था। आज यह 66 रुपए पर बंद हुआ है। भावी विस्तार और मजबूत फंडामेंटल को देखते हुए निकट भविष्य में गार्डन सिल्क का शेयर 125 रुपए के स्तर को छू सकता है।
स्पष्टीकरण : गार्डन सिल्क में खरीद सलाह जारी करते समय मेरा अपना निवेश है।
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