Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह

हमें फॉलो करें दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह
1975 से अब तक विश्व के विभिन्न देशों में नौ विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं, जिनके प्रतीक चिन्ह इनकी विशेष पहचान माने जाते रहे हैं। 10 से 12 सितंबर 2015, भोपाल में दसवां विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, जिसका प्रतीक चिन्ह भी अपने अंदर अतिविशि‍ष्ट भावों को समेटे हुए है।

दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के 'लोगो' में, इसके लक्ष्य और मूल भाव को दर्शाया गया है। यही कारण है, कि यह लोगो विशेष रूप से हिन्दी में बनाया गया है। 'लोगो' में मयूर अर्थात मोर को भारत के राष्ट्रीय पक्षी के रूप में प्रदर्शित किया गया है, जिसके रंगबरंगे अतिसुंदर पंख भारतीय संस्कृति और परंपराओं की ओर संकेत करते हैं। 
 
लोगों में दिखाई देने वाला अंक "10" दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन को दर्शाता है। इसके अलावा इस अंक में प्रयुक्त शून्य के अंदर की ओर ग्लोब पर हिन्दी में लिखा हुआ भोपाल शब्द, विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजन स्थल, भोपाल को इंगित करता है। इस प्रकार से दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का लोगो अपने आप में इस सम्मेलन से जुड़ी आधारभूत जानकारी देता है। 
 
पूरे विश्व में हर 4 साल में आयोजित होने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य हिन्दी भाषा का प्रचार एवं प्रसार करना, इसे विश्व भाषा के रूप में स्थापित करना, हिन्दी को शिक्षा का अग्रणी एवं महत्वपूर्ण माध्यम बनाना तथा विदेशी और भारतीय मूल के निवासियों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान एवं सृजित साहित्य में हिन्दी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi