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ग्रहणों के मामले में भी अनूठा है वर्ष 2011

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यह वर्ष ग्रहणों की सर्वाधिक संख्या 'छह' के मामले में भी अनूठा है और यह अनूठापन पूरे 2041 वर्ष बाद आया है।

बहरहाल भारत में छह में से तीन ग्रहण दिखाई देंगे। चार सूर्यग्रहणों में से मात्र एक और दोनों चन्द्रग्रहण भारत में दिखाई देंगे।

- वर्ष का पहला ग्रहण चार जनवरी को अल्प खंडग्रास सूर्यग्रहण के रूप में पडा़ था।

- दूसरा सूर्यग्रहण दो जून को लगा था जो भारत में दिखाई नहीं दिया।

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- तीसरा एवं चौथा खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत से बाहर दिखने वाली खगोलीय घटनाएं है।

- तीसरा एक जुलाई को लगा था जबकि चौथा 25 नवंबर को लगेगा। यह दोनों भी भारत में दिखाई नहीं दिए।

- वर्ष के दो खंडग्रास चन्द्रग्रहणों में से पहला 15 जून को लगा था, जबकि दूसरा दस दिसंबर को लगेगा।

भारतीय ज्योतिषियों ने मुख्यत: देश में दृश्य तीन ग्रहणों के आधार पर ही ज्योतिषीय गणना करके वर्ष के शुभाशुभ का आकलन किया है। (वार्ता)

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