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नवंबर में केवल चार विवाह मुहूर्त

रामनवमी में नहीं है शुभ मुहूर्त

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शादी का इंतजार कर रहे लोगों को अब कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। देवउठनी यानी 9 नवंबर से मंडपों में शहनाई गूँजने लगेंगी। इस दिन तुलसी विवाह जैसे शुभ मुहूर्त होने के कारण अनेक शादियाँ होंगी। इस माह केवल चार मुहूर्त है। प्राचीन मान्यताओं की वजह से रामनवमी में मुहूर्त नहीं होने के बावजूद शादियाँ होंगी।

देवशयनी के बाद अब मंडपों में शहनाई की गूँज सुनाई देंगी। हर साल देवउठनी से विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू होता है। इस वर्ष नवंबर में 22, 23 व 29 नवंबर को विवाह किए जा सकेंगे। इसके बाद दिसबंर 2, 7, 11, 12 व 13 को ही शुभ मुहूर्त हैं।

दिसंबर के बाद सीधे फरवरी
14 दिसंबर से 12 फरवरी तक विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं। पं. आशुतोष झा के अनुसार 13 जनवरी 2009 से गुरु पश्चिम में अस्त हो जाएगा। इसके बाद उसका उदय पूर्व में 7 फरवरी को होगा, लेकिन बालयत्व दोष बना रहेगा। इसलिए विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है।

शादी के लिए तरसाएगा मार्
मार्च शादी के लिए तरसाएगा। इस माह शादी के लिए केवल 12 मार्च को ही शुभ मुहूर्त है। फरवरी में 13, 14, 15, 16, 17, 19, 20, 26, 27 व 28 को नवजोड़े दाम्पत्य जीवन में बँधेंगे। 13 मार्च से 9 अप्रैल तक खरमास होने के कारण विवाह संभव नहीं हो सकेगा।

रायपुर के पं. मनोज शुक्ला के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा अर्थात होली से 9 अप्रैल तक खरमास रहेगा। इस समय सूर्य तीन राशियों में निवास करता है। जब सूर्य धनु व मीन राशि में हो, तो कोई शुभ कार्य नहीं किए जा सकते।

पंचांग में मुहूर्त नही
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रामनवमी 3 अप्रैल 2009 को पड़ेगा। इस दिन शादी के लिए मुहूर्त नहीं है। पं. झा के मुताबिक ग्रामीणजन नवमी को शुभ मुहूर्त मानते हुए इस दिन विवाह संपन्न कराते हैं। हालाँकि पचांग में इस दिन शादी के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।

खरमास के बाद 14 अप्रैल से शादियों की धूम रहेगी। अक्षय तृतीया 27 अप्रैल को है। इस दिन अंचल में सर्वाधिक शादियाँ होती हैं। इसके अलावा 15, 16, 17, 22, 28, 29, अप्रैल, मई में 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 25, 26, 30 व 31 मई को विवाह के लिए मुहूर्त है। जून में 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 20, 26, 27, 28, 29, 30 व 1 जुलाई को मुहूर्त है। इसके बाद देवशयनी लग जाएगा। (निप्र)

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