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13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक

होली से देवशयनी एकादशी तक विवाहों के मुहूर्त कम

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- हेमंत उपाध्या
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इस बार होली से देवशयनी एकादशी तक विवाह मुहूर्त की कमी रहेगी। 2011 में होली से देवशयनी एकादशी तक 45 दिन विवाह मुहूर्त थे। इस बार मीन संक्रांति 14 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य देव मीन राशि में होने से विवाह आदि समस्त मांगलिक कार्य पूर्ण रूप से बंद रहेंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार मार्च 2012 से 30 जून 2012 देवशयनी एकादशी तक केवल 23 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे। मार्च में कुल चार दिन 10, 11, 12, 13 मार्च को विवाह के मुहूर्त हैं, जबकि अप्रैल में 6 दिन -14, 18, 24, 25, 26, 30 अप्रैल को विवाह हो सकेंगे। जून में 13 दिन विवाह मुहूर्त हैं। ये तिथियां- 12, 13, 14, 17, 18, 19, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29 जून हैं।

इसके साथ ही विवाह के 2 अबूझ मुहूर्त हैं। ये हैं- 24 अप्रैल- अक्षय तृतीया और 28 जून- भड़ली नवमी।

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देवशयनी एकादशी तक के विवाह मुहूर्त के अवरोध इस तरह हैं।

मीन संक्रांति- 14 मार्च 2012 से 13 अप्रैल 2012 तक सूर्य देव मीन राशि में होने से विवाह आदि समस्त मांगलिक कार्य पूर्ण रूप से बंद रहेंगे।

गुरु का अस्त- 3 मई 2012 से 28 मई 2012 तक गुरु का अस्त रहेगा। इस अवधि में विवाह बंद रहेंगे।

शुक्र का अस्त- 1 जून 2012 से 11 जून 2012 तक शुक्र का अस्त होने से विवाह बंद रहेंगे।

गुरु अपनी शत्रु राशि वृष में- 14 मई 2012 से गुरु अपने शत्रु शुक्र की राशि में जाने से 30 मई 2013 तक मिथुन, तुला, कुंभ राशि वाली कन्याओं के विवाह इस अवधि में नहीं हो सकेंगे।

देवशयनी एकादशी- 30 जून 2012 को देवता शयन हो जाने से विवाह मुहूर्त 4 माह के लिए बंद रहेंगे।

होलाष्टक का भ्रम न फैलाएं : वहीं दूसरी ओर कुछ पंडितों का कहना है कि होलाष्टक का मध्यप्रदेश और मालवा क्षेत्र में कोई असर नहीं होता है और इसके संबंध में भ्रांतियां फैलाने से बचा जाना चाहिए। इसलिए होलाष्टक में भी मांगलिक कार्य करवाए जा सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास के अनुसार मीडिया को भी इस बारे में भ्रम फैलाने से बचना चाहिए क्योंकि हमारे यहां होलाष्टक का कोई महत्व नहीं है।

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