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आयुर्वेदिक लड्डू

हमें फॉलो करें आयुर्वेदिक लड्डू
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रतौंधी में पौष्टिक लड्डू भी काफी लाभकारी होते हैं। इनके सेवन से 5 से 7 दिन में रोगी को लाभ नजर आने लगता है। इन पौष्टिक लड्डुओं को बनाने के तरीके इस प्रकार हैं-

60 ग्राम गेहूँ का आटा, 50 ग्राम बंगाली चने की छाल, 20 ग्राम रागी का आटा, 20 ग्राम सहिजन (सुरजने) के सूखे पत्ते, गुड़ 40 ग्राम, इन सभी चीजों को 10 ग्राम तिल्ली के तेल में भूनकर अच्छी तरह मिलाकर लड्डू बना लें। रोगी को नियमित उम्र के अनुसार 2 से 4 लड्डू खिलाएँ । इससे पोषण बढ़ता है और रतौंधी रोग दूर हो जाता है।

* रतौंधी का रोगी 50 ग्राम कच्ची मूँगफली 20-25 ग्राम गुड़ के साथ खूब चबा-चबाकर खाएँ तो 8-10 दिन में ही लाभ नजर आने लगता है, लेकिन रतौंधी से छुटकारा पाने के लिए औषधियों का उचित समय तक नियमित सेवन जरूर करना चाहिए।

* हरड़ 25 ग्राम, आँवला 100 ग्राम, यष्टिमधु 100 ग्राम, शतावरी 100 ग्राम, बहेड़ा 50 ग्राम, दालचीनी 10 ग्राम, पीपल 10 ग्राम, सैंधा नमक 10 ग्राम, शकर 300 ग्राम को मिलाकर चूर्ण बना लें। 3 से 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण विषम मात्रा में घी व शहद से प्रतिदिन लेने से आँखों के अनेक रोग दूर होते हैं।

अन्य उपा

1. करेले के पत्तों के रस में काली मिर्च घिसकर आँखों में लगाएँ ।
2. प्याज या पान के रस की बूँदें प्रतिदिन आँखों में डालें।
3. सैंधा नमक की सलाई बनाकर पानी में भिगोकर प्रतिदिन आँखों पर लगाएँ ।
4. बकरी के मूत्र में लौंग घिसकर प्रतिदिन आँखों में लगाएँ ।
5. जीरा व कपास की जड़ को पानी से लुगदी बनाकर गर्दन पर 21 दिन तक लेप करें।
6. चौलाई के बीजों की भस्म बनाकर प्रतिदिन आँखों में आँजें।
7. पुनर्नवा की जड़ को पानी या कांजी में घिसकर आँखों में लगाएँ ।
8. श्यामा तुलसी के पत्तों के रस की बूँदें आँखों में डालें।
9. काली मिर्च को दही में घिसकर प्रतिदिन आँखों में लगाएँ ।
10. काली मिर्च का महीन चूर्ण शहद में मिलाकर आँखों में प्रतिदिन लगाएँ ।
11. भूरे कुम्हड़ा के रस या उसकी जड़ का रस या उसके फूलों के रस की बूँदें आँखों में प्रतिदिन डालें।
12. बैंगन भूनते समय उसमें से जो रस निकलता है, वह आँखों में लगाएँ।
13. रीठे का झाग आँखों में लगाएँ या उसकी गुठली को दही के पानी में घिसकर आँखों में आँजें।
14. रात को सोते समय छोटी पीपल को छाछ में घिसकर प्रतिदिन आँखों में आँजें।
15. सौंफ का अर्क शहद में मिलाकर प्रतिदिन आँखों में लगाएँ।
16. महीन त्रिकुट चूर्ण शहद में मिलाकर आँखों में अंजन करें।

सावधानिया

* रोगी को अपनी आँखों की सुरक्षा के लिए धूल, धुएँ और तेज रोशनी से बचना चाहिए।
* रोगी को सिलाई व बुनाई से संबंधित काम नहीं करना चाहिए।
* आंखों पर जोर पड़ने वाले बारीक कार्य न करें, जैसे छोटे अक्षरों वाली किताबें या अखबार इत्यादि बिल्कुल न पढ़ें।
* आँखों की सुरक्षा के लिए अच्छी कंपनी का धूप का चश्मा पहनें।

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