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गोरेपन के विज्ञापन: बात दूर तक पहुंची

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, गुरुवार, 7 जून 2012 (18:27 IST)
BBC
सैकड़ों वर्षों से भारत में महिलाओं को यह बताया जाता रहा है कि सुंदरता का मतलब सिर्फ और सिर्फ गोरापन है। यही कारण है कि गोरापन को निखारने के लिए तरह-तरह के क्रीम और पाउडर तैयार किए जाने लगे। परिणामस्वरुप गोरापन बढ़ाने के उद्योग बढ़ावा मिला।

लेकिन बात अब हाथ और चेहरे की सुंदरता बढ़ाने से काफी आगे निकल गई है। बात तो इतनी आगे निकल गई है कि टेलीवीजन पर ‘प्राइवेट पार्ट्स’ की सफाई करते हुए विज्ञापन दिखाए जाने लगे हैं। एक ऐसा ही विज्ञापन अभी विभिन्न टीवी चैनलों पर चल रहा है।

गोरापन से आगे: इस विज्ञापन में दिखाया जाता है कि एक खूबसूरत-सी महिला सोफे पर बैठी हुई है और उसका पति उसके चेहरे की तरफ नहीं देखकर अखबार पढ़ रहा है। कुछ पल के बाद वह खूबसूरत महिला नहाने चली जाती है और उस बाथरूम में नहाती हुई उस महिला की जो ‘धुंधली छवि’ उभर कर सामने आती है, उससे लगता है कि महिला ने अपने ‘प्राइवेट पार्ट्स’ को साफ किया है और फिर क्षण भर के बाद दिखाई देता है कि वह व्यक्ति अपनी पत्नी को गले से लगाए हुए है।

प्राइवेट पार्ट्स को साफ रखने के इस विज्ञापन ने कई तरह के विवाद को जन्म दे दिया है। हमारे देश में गोरेपन की चाहत बहुत पुरानी बात है, लेकिन हाल-फिलहाल दिखाए जा रहे विज्ञापन से गोरेपन को लेकर हो रही बहस बहुत पुरानी सी दिखने लगी है।

हो रहा विवाद: अब तो प्रश्न इस पर उठाए जाने लगे हैं कि ऐसे विज्ञापन दिखाए भी जाने चाहिए या फिर इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए? या फिर किसी व्यक्ति के स्वस्थ्य त्वचा पर ब्लीच करना सही है या गलत है या फिर उन लड़कियों पर इसका क्या मानसिक असर पड़ेगा, अगर उन्हें बताया जाए कि वह उसी समय तक सुंदर है, जब तक कि वह किसी ‘पुरुष’ के साथ है?

लेकिन इन सभी परेशानियों के बावजूद खूबसूरती निखारने का उद्योग दिन-दुना रात चौगुना फल-फूल रहा है। मजेदार बात तो यह है कि एक मार्केट सर्वे के अनुसार भारत में गोरा दिखने वाले क्रीम की बिक्री कोका-कोला से ज्यादा होती है।

कई तरह के विज्ञापन: पहले बाजार सिर्फ महिलाओं को ध्यान में रखकर क्रीम या पाउडर का उत्पादन करती थी, अब बाजार ने पुरुषों पर भी नजर टिका दी है। अभी जब मैं रास्ते से गुजर रही थी तो मैंने देखा कि जॉन अब्राहम का एक विज्ञापन है, जिसमें वह कह रहा है, यह गोरापन बढ़ाने का पहला क्रीम है, जिससे पसीना नहीं आता है।

अगर क्रीम से आपका काम नहीं चल रहा है तो अपनी बांह के नीचे डियोडोरेंट्स हैं और इसके साथ ही आपकी सुंदरता बढ़ाने के लिए पाउडर भी उपलब्ध है। भारत में किस तरह के विज्ञापन आ रहे हैं अगर यह जानना हो तो सड़क से गुजरिए। आप पाएंगे कि जिन अभिनेताओं के लोग दीवाने हैं, वे किसी न किसी विज्ञापन ने अपनी सुंदरता को निखार कर खड़े हैं आपको कह रहे हैं कि आप सुदंर दिखने के दौड़ में शामिल हो जाइए!
- रजनी वैद्यनाथन

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