Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन

हमें फॉलो करें चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन
, सोमवार, 12 सितम्बर 2011 (11:15 IST)
BBC
चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यान का फ्लोरिडा से प्रक्षेपण कर दिया गया है। चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण में होने वाले बदलाव का पता लगाने के लिए भेजे गए जुड़वा प्रोब यानि यान का नाम ग्रेल है और इसे नासा ने प्रक्षेपित किया है।

इसी विषय पर अन्य खबरें चांद की दुर्लभ तस्वीरें दुनिया भर में चंद्र ग्रहण का नजारा 'सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण' ये अलग-अलग यान वैज्ञानिकों को पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा की आंतरिक संरचना के बारे में नई जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे।

इससे कई गुत्थियों को सुलझाने में मदद मिलेगी जैसे कि चंद्रमा का दूर वाला हिस्सा नजदीक वाले हिस्से से अलग क्यों नजर आता है। इससे मिले आंकड़ों से भविष्य में चंद्रमा पर भेजे जाने वाले यान को सही जगह उतारने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।

डेल्टा रॉकेट के जरिए केप कैनवरल एयरफोर्स स्टेशन से चंद्रमा पर भेजे गए ग्रेल ट्विन्स फिलहाल रास्ते में हैं और ये साल के अंत तक चंद्रमा पर पहुंचेंगे।

गुरुत्वाकर्षण : वैज्ञानिकों के पास चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण की विविधता के बारे में पहले से मानचित्रीय जानकारी मौजूद है, लेकिन ये मानचित्र उतने सटीक नहीं हैं, खासतौर से चंद्रमा के दूर वाले हिस्से से जुड़ी जानकारी।

ग्रेल के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिक डॉक्टर रॉबर्ट फ़ोजेल ने बीबीसी को बताया, 'चंद्रमा के नजदीक वाले हिस्से के बारे में हमें अभी जो जानकारी हासिल है उसमें सौ गुना सुधार हो जाएगा जबकि दूरवाले हिस्से के बारे में हमारे ज्ञान में हजार गुना का फर्क पड़ जाएगा।'

ग्रेल दरअसल 'ग्रेविटी रिकवरी एंड इंटरनल लैबोरेट्री' का एक संक्षिप्त रूप है। ग्रेल की तरह ही एक अभियान पहले से नासा और जर्मन अंतरिक्ष एजेंसी के तत्वावधान में चलाया जा रहा है जिसका नाम ग्रेस है।

इस अभियान के तहत पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर पाए जाने वाले गुरुत्वाकर्षणीय अंतर का अध्ययन किया जा रहा है। चंद्रमा के विभिन्न स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण का अंतर द्रव्यमान की भिन्नता की वजह से है, जैसे कि चंद्रमा पर बड़ी पर्वत श्रृंखलाएं भी हैं और गहरी घाटियां भी हैं।

चंद्रमा की आंतरिक संरचना के अंतर की वजह से इसके गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव में भिन्नता पाई जाती है। ग्रेल ट्विन चंद्रमा की सतह से 55 किलोमीटर की दूरी पर रहकर उसकी परिक्रमा करेंगे।

दोनों यान एक दूसरे से 200 किलोमीटर की दूरी पर रहकर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण की विभिन्नता से संबंधित आंकड़े जुटाएंगे और दोनों के भेजे आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर ही गुरुत्वाकर्षण से संबंधित गुत्थी को सुलझाने में मदद मिलेगी।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi