मोदी के तीखे और आक्रामक होते हमले
- सतीश मिश्रा (सीनियर फेलो, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन)
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने 30 मार्च को एक रैली में कहा, 'मोदी बकवास कर रहे हैं और उनका इलाज कराने की जरूरत है।' देश के सबसे मंझे हुए राजनेता के तौर पर देखे जाते हैं शरद पवार। उन्हें उनकी राजनीतिक समझ और बुद्धिमता के लिए जाना जाता है। लेकिन उनका बयान बताता है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता लोगों में तेज़ी से बढ़ी है।निश्चित तौर पर मोदी के भाषण देने की कला की कोई तुलना नहीं हो सकती, बावजूद इसके उनके भाषण भी विवादों को खड़ा करते रहे हैं। ऐसे भाषणों से कुछ में रोष पैदा होता है तो कुछ को पसंद आते हैं। आक्रोश, अकड़ और व्यंग के मामले में मोदी अपने विपक्षी नेताओं से कमतर नहीं नजर आते। वे अपने विपक्षियों पर हमले करने में निर्मम हैं और इस दौरान ये ख्याल नहीं करते कि उनके शब्द अशिष्ट और असभ्य होते जा रहे हैं।आक्रामक मोदी : वे बिना थके और बिना रुके पूरे देश का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान खुद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं ताकि देश की जनता एक दशक बाद भारतीय जनता पार्टी को सरकार सौंपे।यह भी हकीकत है कि मोदी प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षा को सालों से सहेज रहे थे। उन्हें अपने विरोधियों और लक्ष्य के बारे में बखूबी मालूम होता है और दौरे से पहले वह स्थानीय जानकारियां हासिल कर लेते हैं।निश्चित तौर पर कांग्रेस और धर्मनिरपेक्ष पार्टियां उनके निशाने पर हैं। हालांकि वे इन पार्टियों पर कितना तीखा हमला करेंगे यह रैली विशेष में जुटी भीड़ पर निर्भर करता है।राजनीतिक शुरुआत के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ बिताए समय से ही 'कांग्रेस मुक्त भारत' उनकी सोच में शामिल हो चुका था और अब यह उनके जीवन का लक्ष्य बन चुका है। उन्हें यह मालूम है कि कांग्रेस को कमजोर किए बिना वे दिल्ली की सत्ता हासिल नहीं कर सकते।यही वजह है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनके सभी भाषण में निशाने पर होते हैं।
निशाने पर कांग्रेस और मुसलमानों पर नजर...