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नहीं रहे सदाबहार अभिनेता देव आनन्द

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भारतीय सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देवानंद का 3 दिसंबर की रात लंदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से देवानंद का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वे लंदन चिकित्सकीय जांच के लिए आए हुए थे। जब उन्होंने अंतिम सांस ली उस समय उनके पुत्र सुनील उनके पास थे।

अभिनेता के तौर पर देवानंद के करियर की शुरूआत वर्ष 1946 में ‘हम एक हैं’ फिल्म से हुई थी। वर्ष 1947 में ‘जिद्दी’ प्रदर्शित हुई और तब तक बॉलीवुड पर देवानंद की सफलता का परचम लहरा चुका था। ‘जिद्दी’ के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सदाबहार अभिनेता देवानंद ने ‘पेइंग गेस्ट’, ‘बाजी‘, ‘ज्वैल थीफ़’, ‘सीआईडी’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘अमीर गरीब’, ‘वारंट’, ‘हरे राम हरे कृष्ण’ और ‘देस परदेस’ जैसी कई हिट फिल्में दी।

भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देवानंद वर्ष 2001 में प्रतिष्ठित ‘पद्म भूषण’ सम्मान से विभूषित किए गए और 2002 में उन्हें ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ प्रदान किया गया। उन्होंने वर्ष 1949 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘नवकेतन इंटरनेशनल फिल्म’ की स्थापना की और 35 से ज्यादा फिल्मों का निर्माण किया।

देवानंद ने दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। एक वर्ष 1958 में ‘काला पानी’ के लिए और दूसरा 1966 में ‘गाइड’ में अपने अभिनय के लिए। ‘गाइड’ को ‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ और ‘सर्वश्रेष्ठ निर्देशक’ सहित पांच श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला और उस वर्ष ऑस्कर की विदेशी फिल्म की श्रेणी में भारत की तरफ से यह फिल्म भेजी गई थी।

उन्होंने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पर्ल एस बक के साथ ‘गाइड’ के अंग्रेजी संस्करण का ‘‘द गुड अर्थ’’ का सह निर्माण भी किया। वर्ष 1993 में उन्हें फिल्मफेयर ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ और 1996 में स्क्रीन वीडियोकॉन ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

देवानंद तीन भाई थे। उनके भाई चेतन आनंद और विजय आनंद हैं। उनकी बहन का नाम शील कांता कपूर है जो प्रख्यात फिल्म निर्देशक शेखर कपूर की मां हैं।(भाषा)

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