दीपक के पिता चाहते हैं कि वह इस बस को अपना रोजगार बनाएँ और दीपक खुशी-खुशी इस बात को मान लेता हैं। लेकिन उनके परिवार के सदस्य दो बहनें छाया और अपर्णा (उपासना सिंह और अमिता नांगिया) तथा उनके घर जमाई पति विनायक अग्रवाल (असरानी) और यूयू उपाध्याय (मनोज जोशी) इसके खिलाफ हैं। उनका मानना है कि बस चलाना अच्छा काम नहीं है। वे बस को बेचना चाहते हैं। विनायक अग्रवाल पेशे से वकील हैं।सुंदर (राजपाल यादव) दीपक का दोस्त है और अमेरिकन वीसा पाने के चक्कर में हैं। वह दीपक के साथ मिलकर एक कंपनी ‘चल चला चल ट्रांसपोर्ट’ खोल लेता है। बस बेहद खटारा थी और उसे रिपेयर करने के चक्कर में उनका काफी पैसा बर्बाद होता है। दीपक अपनी बस के लिए बसंतीलाल (रज्जाक खान) को ड्रायवर और हरीलाल (आसिफ बसरा) को कंडक्टर बनाता है। बसंतीलाल की आँखों पर मोटा चश्मा है और हरीलाल की निगाह सदैव हेरफेर में लगी रहती है। भ्रष्टाचार यहाँ पर भी दीपक का पीछा करता है। यूयू उपाध्याय चीफ व्हीकल इंसपेक्टर है और वह दीपक को परेशान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखता। दीपक अपने ड्रायवर और कंडक्टर से परेशान है, लेकिन वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। वे यूनियन लीडर मि.सिंह (मुरली शर्मा) के खास हैं।
इस बस की एक ही खासियत है कि इसमें खूबसूरत पायल (रीमा सेन) सफर करती है, जो दीपक को पसंद है। पर यहाँ भी बेचारा मुसीबत में फँस जाता है। पायल को बस टक्कर मार देती है और उसकी हड्डी टूट जाती है। वह भी दीपक से पैसे वसूलने के मूड में है।
इन सबसे दीपक कैसे छुटकारा पाता है, इसके लिए आपको ‘चल चला चल’ देखना पड़ेगी।